Move to Jagran APP

सूरत कोर्ट के मानहानि मुकदमे के आधार को ही दी जाएगी चुनौती, कई दिग्गज वकीलों का मिला राहुल गांधी को साथ

उपरी सत्र अदालत में चुनौती देने में पार्टी किसी तरह की कानूनी चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती। इसीलिए फैसले को चुनौती देने संबंधी याचिका का मसौदा तैयार होने के बाद भी पार्टी के वरिष्ठ कानूनविद इसका गहराई से अध्ययन कर रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Fri, 31 Mar 2023 10:20 PM (IST)
Hero Image
सूरत मजिस्ट्रेट कोर्ट के राहुल गांधी के खिलाफ दिए फैसले को उपरी अदालत में चुनौती देने की तैयारी पूरी।
संजय मिश्र नई दिल्ली। भाजपा चाहे रोजाना मानहानि के मामले में सूरत मजिस्ट्रेट कोर्ट के राहुल गांधी के खिलाफ दिए फैसले को चुनौती देने में लग रहे समय को लेकर कांग्रेस पर सवाल दाग रही हो मगर पार्टी आनन-फानन या सियासी दबाव में इस मामले में कोई कदम नहीं उठाना चाहती।

इस फैसले को उपरी सत्र अदालत में चुनौती देने में पार्टी किसी तरह की कानूनी चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती। इसीलिए फैसले को चुनौती देने संबंधी याचिका का मसौदा तैयार होने के बाद भी पार्टी के वरिष्ठ कानूनविद इसका गहराई से अध्ययन कर रहे हैं।

मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले पर तत्काल रोक लगाने पर जल्द की जाएगी मांग

साथ ही उपरी अदालत में जाने के कानूनी विकल्पों के तौर-तरीके पर अंतिम दौर की मंत्रणा चल रही है। सूरत मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए इसे खारिज करने की दायर की जाने वाली याचिका का मसौदा तैयार हो जाने के बावजूद कांग्रेस ने उपरी अदालत में जाने की रूपरेखा का खुलासा नहीं किया है।

हालांकि पार्टी के सियासी गलियारों में जारी हलचल के संकेतों से साफ है कि अगले हफ्ते की शुरूआत में ही याचिका दायर कर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले पर तत्काल रोक लगाने के साथ मानहानि के मुकदमे को खारिज करने की मांग की जाएगी।

वकील अभिषेक सिंघवी के नेतृत्व में अदालत का दरवाजा खटखटा रही पार्टी

बताया जाता है कि कानूनी मसौदे में निचली अदालत के राहुल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा बनाने के आधार को ही गलत बताते हुए मजिस्ट्रेट कोर्ट की पूरी कानूनी प्रक्रिया पर ही गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्गज वकील अभिषेक सिंघवी के नेतृत्व में पार्टी के कानूनी सलाहकारों की टीम मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को कानूनी कसौटियों पर धराशायी करने के लिए याचिका के मसौदे को फूल प्रुफ बनाकर ही उपरी अदालत में जाएंगे। इसीलिए आपराधिक मामलों के जानकार कानूनी विशेषज्ञों से भी राय मशविरा किया जा रहा है।

राहुल गांधी की पैरवी करने के लिए कपिल सिब्बल भी तैयार

सूत्रों के अनुसार सिंघवी के अलावा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील आरएस चीमा भी चुनौती याचिका का मसौदा तैयार करने वाले कानूनी दिग्गजों में शामिल हैं। चीमा आपराधिक मामलों के सुप्रीम कोर्ट के गिने-चुने वकीलों में शुमार किए जाते हैं। पूर्व कांग्रेस नेता वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल भी राहुल के मामले की पैरवी के लिए तैयार हैं, हालांकि अभी कोई औपचारिक पहल नहीं हुई है।

बताया जा रहा कि देश के कई स्वतंत्र नामी-गिरामी वकीलों ने भी राहुल के मुकदमे में अपना योगदान देने की पेशकश की है। मगर पार्टी अभी अपने कानूनी विशेषज्ञों को ही पर्याप्त मान रही और सारे कानूनी पत्ते एक साथ नहीं खोलना चाहती।

जल्द ही फैसले को उपरी अदालत में चुनौती दी जाएगी: मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस रणनीतिकारों के अनुसार राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को अदालती फैसले के 24 घंटे के भीतर आनन-फानन में खत्म किए जाने के बाद तुरंत उपरी अदालत में चुनौती देने के विकल्प का बहुत फायदा नहीं रह गया था।

मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खुद ही राहुल पर दिए फैसले पर एक महीने तक रोक लगा रखी है और ऐसे में पार्टी मानहानि के मुकदमे की पूरी बुनियाद को ही कानूनी रूप से गलत साबित करने की ठान ली है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी शुक्रवार को कहा था कि पार्टी की कानूनी टीम अपनी तैयारी कर रही है और जल्द ही फैसले को उपरी अदालत में चुनौती दी जाएगी।