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Surgical Strike2: मिराज में बैठ रक्षामंत्री ने दी थी पाक को चेतावनी, अब सही साबित हुई

Surgical Strike2 से करीब डेढ़ साल पहले ही रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने पाकिस्तान को इस तरह के हमले की चेतावनी दे दी थी। उस वक्त भी वह मिराज विमानों के साथ ही थीं।

By Amit SinghEdited By: Updated: Tue, 26 Feb 2019 05:33 PM (IST)
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Surgical Strike2: मिराज में बैठ रक्षामंत्री ने दी थी पाक को चेतावनी, अब सही साबित हुई
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पाकिस्तान पर भारत ने अब दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike 2) की है, लेकिन इसकी चेतावनी रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने करीब डेढ़ साल पहले ही दे दी थी। उस वक्त रक्षामंत्री उन्हीं मिराज 2000 विमान में बैठी थीं, जिसने पाकिस्तान में भारी तबाही मचाई है। एक और खास बात ये है कि रक्षामंत्री ग्वालियर के उसी एयरबेस पर मिराज विमान में बैठी थीं, जहां से मंगलवार सुबह इन फाइटर प्लेनों ने पाकिस्तान में तबाही मचाने के लिए उड़ान भरी थी। जानें- रक्षामंत्री ने पाकिस्तान को क्या चेतावनी दी थी।

14 सितम्बर 2017 को रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण मध्य भारत के सबसे महत्वपूर्ण ग्वालियर एयरबेस पर निरीक्षण करने के लिए आईं थीं। निरीक्षण के दौरान रक्षामंत्री न सिर्फ मिराज की पूरी टीम से मिली थीं, बल्कि उसमें बैठी भी थीं। इस दौरान रक्षा मंत्री ने ग्वालियर एयरफोर्स स्टेशन का निरीक्षण किया और सुखोई, मिराज, मिग-21 एवं जगुआर जैसे फाइटर विमानों के बारे में जानकारी ली थी।

वायुसेना के एयरबेस का निरीक्षण करने के दौरान मीडिया ने रक्षामंत्री से पूछा था पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है, हम जवाब क्यों नहीं दे रहे। तब रक्षामंत्री ने शांत होकर बोला था ‘हमारी कोशिश है कि किसी भी प्रकार से देश को नुकसान न हो, साथ ही युद्ध की स्थित न बने। जब सही समय आयेगा, हम सटीक जवाब देंगे।’ उन्होंने कहा कि हमें बार-बार 56 इंच का सीना दिखाने की जरूरत नहीं है। अगर हालात विपरीत बनते हैं तो सेनाएं हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। रक्षा मंत्री ने आगे कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें रक्षा मंत्री का दायित्व इस निर्देश के साथ दिया है कि वह तीनों सैन्य अमले के हर एक जवान की समस्याओं और चुनौतियों को करीब से समझते हुए उनका निराकरण कर सकें।

राफेल डील में भी ग्वालियर केंद्र में
राफेल डील में भी ग्वालियर एयरबेस का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। बता दें कि भारत और फ्रांस के बीच होने वाले सबसे महत्वपूर्ण सौदे राफेल विमानों की डील सबसे बड़ी है। इसी सिलसिले में 27 जुलाई 2013 में फ्रांस के तत्कालीन रक्षामंत्री वाय वेस ली ड्रियान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ग्वालियर भी आया था। रक्षामंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा था कि सब कुछ ठीक रहा तो फ्रांसीसी मिराज की तरह आगामी दिनों में राफेल ग्वालियर के एयरबेस की शान बन सकते हैं। अगर एमओयू प्रभावी होता है, तो ग्वालियर उन एयरबेस में शामिल हो सकता है, जहां फ्रांस के फाइटर जेट की दूसरी पीढ़ी गर्जना करेगी। बता दें कि राफेल से पहले फ्रांस के मिराज 2000 भी यहां मौजूद हैं।

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