सुशांत सिंह राजपूत ने दिशा सालियान की मौत पर कहा था- वे लोग मुझे भी नहीं छोड़ेंगे
परिवार के मुताबिक सुशांत कभी अंदर से कमरा बंद नहीं करते थे। उन्हें कुछ गड़बड़ लगा तो वह ऑटो लेकर सुशांत के घर के लिए निकलीं।
By Tilak RajEdited By: Updated: Sun, 02 Aug 2020 06:09 AM (IST)
मुंबई, जेएनएन। सुशांत सिंह राजपूत के परिवार की करीबी दोस्त स्मिता पारिख का दावा है कि अपनी पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मृत्यु के बाद अभिनेता परेशान रहने लगे थे। उन्होंने अपनी बहन मीतू से कहा था कि 'वे लोग' उसे नहीं छोड़ेंगे। 'वे लोग' से उनका क्या आशय था यह मैं नहीं जानती। दिशा की मौत आठ जून को 14वीं मंजिल से गिरने से हुई थी।
स्मिता ने एक चैनल के साथ बातचीत में कहा, 'सुशांत बिल्कुल भी डिप्रेस नहीं थे। मैंने उनके साथ करीब एक साल तक म्यूजिकल या कविताओं को लेकर होने वाली बैठकों को लेकर 10 से 12 घंटे एकसाथ बिताए हैं। हम एक दूसरे के घर पर मिलते थे। उनके बारे में बाइपोलर की बात भी कही गई। वह सरासर गलत है। मेरे बिजनेस पार्टनर बाइपोलर से पीडि़त रहे हैं। मैं उन दिक्कतों से वाकिफ हूं। मैं सुशांत के परिवार में प्रियंका सिद्धार्थ और हाल में मीतू से परिचित हुई। रिया ने सुशांत का घर आठ जून की सुबह छोड़ा था। मुझे बताया गया कि वह दो बड़े बैग में अपना सामान भरकर ले गई। वह उसके साथ ब्रेकअप कर चुकी थी। ड्राइवर से रिया को उसके घर छोड़ने को कहा गया। उसी शाम मीतू दीदी आई। उनका आना पहले से तय था। उनके आने से पहले रिया घर छोड़ गई थी। उस समय सुशांत नार्मल थे। वह टेबिल टेनिस खेल रहे थे, ध्यान लगा रहे थे।'
उन्होंने बताया, 'अगले दिन नौ जून को दिशा सालियन की मौत से सुशांत बहुत अपसेट हो गए थे। वह मीतू दी से लगातार कहने लगे थे, अब वह लोग मुझे नहीं छोड़ेंगे। मेरे पीछे पड़ जाएंगे। मुझे नहीं पता, वह कौन थे। सुशांत ने 11 जून को अपने जीजा को फोन किया और कहा कि मुझे बहुत डर लग रहा है। क्या आप मुझे यहां से ले जाएंगे। वे उन्हें चंडीगढ़ ले जाने वाले थे। उससे पहले पिछले साल नवंबर में मीतू खुद गाड़ी चलाकर उन्हें चंडीगढ़ ले गई थीं। तब वह फिल्म इंडस्ट्री छोड़ना चाहते थे। वह काफी घुटन महसूस कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह चंडीगढ़ आकर खेती करना चाहते हैं।' स्मिता ने स्वीकार किया कि यह सब उन्हें परिवार के सदस्य ने बताया है।
स्मिता ने कहा, 'मीतू ने सैकड़ों बार उनसे पूछा कि वह किस बात से डरे हैं। वह बस यही कहते रहे, ओह गॉड, ओह गॉड।स्मिता ने कहा कि 14 जून को सुशांत अपनी बहन मीतू के साथ समय बिताने वाले थे। एक दिन पहले मीतू ने उन्हें फोन किया। मगर सुशांत ने फोन नहीं उठाया। उन्होंने मैसेज किया पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। आमतौर पर ऐसा होता नहीं है। अगले दिन सुबह उन्होंने सुशांत को फोन किया। उन्होंने फोन नहीं उठाया। उन्होंने सिद्धार्थ पिठानी को फोन किया और सुशांत के बारे में पूछा कि वह कहां है और जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं। उन्हें बताया गया कि उन्होंने अभी जूस मांगा था और वापस चले गए। वह अभी सो रहे हैं। उन्होंने कहा ठीक है जब जागें तो मुझे फोन करना। उन्होंने कुक से भी बात की। उसने कहा मैंने लंच के लिए पूछा लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। कमरा अंदर से बंद है।'
परिवार के मुताबिक, सुशांत कभी अंदर से कमरा बंद नहीं करते थे। उन्हें कुछ गड़बड़ लगा तो वह ऑटो लेकर सुशांत के घर के लिए निकलीं। वह घर से करीब 15 मिनट की दूरी पर थीं कि उन्हें पिठानी का फोन आया। उसने कहा दीदी आप जल्दी आ जाइए, भैया ने खुद को लटका लिया है। मीतू जब वहां पहुंची तो सुशांत को पंखे से लटके हुए नहीं देखा था। वे बेड पर लेटे हुए थे। स्मिता ने यह सवाल भी उठाया कि सिर्फ रिया, पिठानी और सुशांत की मैनेजर श्रुति ही उनके डिप्रेशन के बारे में बात कर रहे हैं और कोई क्यों नहीं कर रहा। वहीं चैनल पर सिद्धार्थ पिठानी ने कहा कि पिछले साल अप्रैल से वह सुशांत के साथ घर में रहते थे। उन्होंने कहा कि वह सुशांत को दो टैबलेट दिया करते थे। मानसिक बीमारी होने के सवाल में उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता उसे क्या बुलाऊं। इसमें मनोचिकित्सक शामिल थे। उस टैबलेट की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।