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Swachh Survekshan 2023: कचरा प्रबंधन, माइक्रो प्लानिंग, सिंगल यूज प्लास्टिक…; इस तरह इंदौर सातवीं बार बना देश का सबसे स्वच्छ शहर

केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर ने एक बार फिर से बाजी मारी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार वितरित किया। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि मेरे निगम आयुक्त रहते इंदौर में डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन कूड़े पहाड़ हटाने ड्राय सेग्रीगेशन प्लांट लगाने गीले कचरे से बायो सीएनजी गैस बनाने जैसे स्वच्छता के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किए गए।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Thu, 11 Jan 2024 09:29 PM (IST)
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सातवीं बार इंदौर जीता भारत के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार। फाइल फोटो।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Swachh Survekshan 2023: केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर ने एक बार फिर से बाजी मारी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार वितरित किया। सर्वेक्षण में इंदौर के साथ पहली बार सूरत भी पहले स्थान पर संयुक्त तौर पर सबसे स्वच्छ शहर बन गया। मालूम हो कि यह सातवीं बार है जब इंदौर ने भारत के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार जीता है।

माइक्रो प्लानिंग और आपसी समन्वय से मिली सफलता

इंदौर निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने इंदौर के सातवीं बार स्वच्छ सर्वेक्षण में शीर्ष स्थान पर रहने के बाद कहा कि माइक्रो प्लानिंग और आपसी समन्वय से मिली सफलता हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती थी, लेकिन इस हाल में भी इंदौर के गौरव को बनाए रखा जाना था।

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उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष निगम की लगभग पूरी टीम नई थी। ऐसे में अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित करना भी एक अलग प्रकार की ही चुनौती थी। हमने लगातार बैठकें की और अधिकारियों को सर्वेक्षण टीम की अपेक्षाओं के बारे में जानकारी दी। हम सभी ने सर्वेक्षण की टूल कीट के मुताबिक काम किया।

सिंगल यूज प्लास्टिक को किया गया प्रोसेस

हर्षिका सिंह ने बताया कि प्रशासन ने सिंगल यूज प्लास्टिक को जब्त किया और इसे प्रोसेस किया, जिससे ईपीआर क्रेडिट प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि हमने प्रत्येक वार्ड में थ्री-आर सेंटर बनाए। ई-वेस्ट कलेक्शन और सेग्रीगेशन पर काम किया।

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स्वच्छताकर्मियों ने भी दिया अपना योगदान

उन्होंने बताया कि इस बार स्वच्छताकर्मियों ने भी अपना बढ़-चढ़ कर योगदान दिया। हालांकि, प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि उन्हें भी शासकीय योजनाओं का लाभ मिले। स्वच्छताकर्मियों को सिंगल कार्ड उपलब्ध कराए। इस बार सर्वे वर्षाकाल में हुआ था। हमने सर्वेक्षण टीम को समझाया कि वर्षाकाल में परिस्थितियां अलग होती हैं। हमने सभी अधिकारियों को इस तरह से मुस्तैद किया कि वे अतिरिक्त सतर्कता रखें।

डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इसके लिए सभी इंदौरवासियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मेरे निगम आयुक्त रहते इंदौर में डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन, कूड़े पहाड़ हटाने, ड्राय सेग्रीगेशन प्लांट लगाने, गीले कचरे से बायो सीएनजी गैस बनाने जैसे स्वच्छता के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किए गए।