तब्लीगी जमातियों ने दिया झटका तो लॉकडाउन ने थामी कोरोना संक्रमण की रफ्तार
Coronavirus Lockdown आंकड़े बताते हैं कि संक्रमितों की संख्या तो पिछले 21 दिनों में बढ़ी लेकिन वृद्धि दर पर अंकुश लगा। यानी लॉकडाउन ने बड़े नुकसान की आशंका को कम किया।
By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Thu, 16 Apr 2020 12:14 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Coronavirus Lockdown: देश में लॉकडाउन 2.0 शुरू हो चुका है। 21 दिन का पहला चरण पूरा करने के बाद बुधवार से देश ने अब अगले 19 दिन के लिए कमर कस ली है। दरअसल, लॉकडाउन का फार्मूला पहले चरण में देश के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि संक्रमितों की संख्या तो पिछले 21 दिनों में बढ़ी, लेकिन वृद्धि दर पर अंकुश लगा। यानी लॉकडाउन ने बड़े नुकसान की आशंका को कम किया।
लॉकडाउन से एक सप्ताह पहले यानी 18 से 24 मार्च के बीच के आंकड़े पर यदि हम गौर करें तो उस समय संक्रमितों की संख्या 3.3 दिन में दोगुनी हो रही थी, जबकि लॉकडाउन के पहले सप्ताही यानी 25 से 31 मार्च के बीच मरीजों के दोगुनी होने की दर पांच दिन तक खिंची।
तब्लीगी जमातियों ने दिया था झटका : लॉकडाउन के पहले सप्ताह में ही भारत रिकवरी मोड में आ गया था लेकिन तब्दीली जमातियों के संक्रमण ने बड़ा झटका दिया। पहले सप्ताह में ही जमातियों के संक्रमण की सूचनाएं सामने आयीं। मरीजों की संख्या बढ़ी और रफ्तार भी। हालांकि इन सबके बाद भी लॉकडाउन के दूसरे
सप्ताह में मरीजों के संक्रमण की रफ्तार लॉकडाउन से पहले तुलना में कम ही रही। एक से सात अप्रैल के बीच औसतन 4.3 दिन में दोगुने हुए। तीसरे सप्ताह में लॉकडाउन का असर और नजर आया। मरीजों की अगर संख्या देखें तो पांच हजार से यह लगभग 10 हजार के आंकड़े के आसपास पहुंची लेकिन मरीजों की संख्या दोगुने होने में 7.2 दिन का समय लगा, जो पूर्व के मुकाबले नियंत्रित हालात कहे जा सकते है।
महाराष्ट्र, दिल्ली बुरी तरह प्रभावित : आज की तारीख में कोरोना से बुरी तरह प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु हैं। महाराष्ट्र में तो 15 अप्रैल दोपहर एक बजे तक 2687 मरीज मिल चुके थे। लॉकडाउन के पहले सप्ताह में जहां 6.7 दिन में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो रही थी वहीं दूसरे सप्ताह में यह अंतर चार दिन का रह गया। लॉकडाउन के तीसरे सप्ताह में कुछ सुधार हुआ फिर भी पहले सप्ताह की तुलना में यह कम ही रहा। दिल्ली में मरीजों की संख्या 1561 हो चुकी है। दिल्ली में भी लॉकडाउन के शुरुआती दो सप्ताह में चार दिन से कम समय में ही मरीज दोगुने होते रहे जबकि तीसरे सप्ताह में संख्या दोगुनी होने में पांच दिन का समय लगा। तीसरे नंबर पर सर्वाधिक संक्रमितों की संख्या तमिलनाडु में 1204 है। यहां भी लॉकडाउन का फायदा तीसरे सप्ताह में दिखा।
स्रोत: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों पर आधारितकेरल और यूपी का बेहतर प्रदर्शन : केरल, उत्तरप्रदेश ने हालात काबू में रखने की कोशिश की लॉकडाउन से पहले केरल में प्रति 2.9 दिन पर मरीजों की संख्या दोगुनी हो रही थी। लॉकडाउन के पहले सप्ताह में मरीजों के दोगुने होने की अवधि 5.4 दिन तक खिंची। इसी दिन दूसरे और तीसरे सप्ताह में भी केरल का संयम सराहनीय रहा। बता दें कि कोरोना का पहला मरीज केरल में ही 30 जनवरी को मिला था, लेकिन महीनेभर तक यहां इनकी संख्या तीन तक सिमटी रही। मार्च में एक बार फिर केरल ने संक्रमण की रफ्तार पकड़ी लेकिन अब फिर नियंत्रण लगा दिया है। इसी तरह लगभग 22 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में भी मरीजों के दोगुने होने की अवधि 10.1 दिन तक पहुंची है। इसी तरह हरियाणा में 15.1 दिन, तेलंगाना 11.9 दिन, कर्नाटक में 10.1 दिन दर्ज की गई है।
गुजरात की उल्टी चाल : लॉकडाउन में जहां संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बावजूद देश के प्रमुख राज्यों में संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ी वहीं गुजरात में हालात विपरीत रहे। यहां चार अप्रैल को 100वां संक्रमित मिला, लेकिन ठीक 10 दिन बाद संक्रमितों की संख्या 650 पहुंच गई है। लॉकडाउन के तीसरे सप्ताह में तो यहां संक्रमण 2.9 दिन में ही दोगुना हो गया जबकि लॉकडाउन के पहले सप्ताह में संख्या दोगुनी होने में 6.4 दिन लग रहे थे।