Move to Jagran APP

तालिबान ने मुंबई में नियुक्त किया अपना कांसुलर, भारत ने कहा- अभी मान्यता नहीं

हाल ही में भारतीय विदेश मंत्रालय का एक विशेष दल अफगानिस्तान की राजधानी काबुल गया था। इसके बाद अब तालिबान सरकार ने भारत में अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया है। यह नियुक्ति मुंबई स्थित अफगान वाणिज्य दूतावास में की गई है। भारत सरकार ने भी कहा कि प्रतिनिधि के नियुक्त होने का मतलब यह नहीं है कि तालिबान सरकार को मान्यता दे दी गई है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 12 Nov 2024 10:40 PM (IST)
Hero Image
तालिबान ने मुंबई स्थित वाणिज्य दूतावास में कांसुलर नियुक्त किया।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। तकरीबन तीन वर्ष बाद अफगानिस्तान की तालिबान सरकार का भारत में प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया गया है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि डॉ. इक्रामुद्दीन कामिल को अफगान के मुंबई स्थित वाणिज्य दूतावास में कार्यवाहक काउंसिल के तौर पर नियुक्त किया गया है। वह कांसुलर सेवा विभाग में अपनी सेवा देंगे और भारत व अफगानिस्तान के बीच सहयोग को बढ़ावा देंगे।

तालिबान सरकार को मान्यता नहीं

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि कर दी है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया है कि इसका मतलब यह नहीं है कि तालिबान सरकार को मान्यता दी गई है। इस बारे में भारत अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के साथ ही काम करेगा। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान अफगान दूतावास और कांसुलेट में काम करने वाले तकरीबन सभी राजनयिक पश्चिमी देशों में शरण ले चुके हैं या भारत छोड़ चुके हैं। सिर्फ एक राजनयिक यहां रह गया है जिसकी वजह से अफगानिस्तानी दूतावास काम कर रहा है।

भारत में अफगानों की संख्या अधिक

दूसरी तरफ भारत में रहने वाले अफगानी नागरिकों की संख्या काफी ज्यादा है जिन्हें राजनयिक सेवाओं की जरूरत है। इन नागरिकों को उचित सेवा देने के लिए काफी संख्या में कांसुलर अधिकारियों की जरूरत है। बताते चलें कि उक्त अफगानिस्तानी कांसुलर अधिकारी वही हैं, जिसे तालिबान सरकार ने भारत की जिम्मेदारी दी है।

भारत में की कांसुलर प्रभारी

सूत्रों का कहना है कि विदेश मंत्रालय इन नए कांसुलर प्रभारी को पहले से जानता है। इन्होंने भारत में ही शिक्षा हासिल की है और भारतीय विदेश मंत्रालय की छात्रवृत्ति पर ही साउथ एशियन विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की है। भारत के लिए वह एक अफगानी नागरिक हैं, जो यहां अफगानी नागरिकों के हित के लिए काम करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने तालिबान को मान्यता दे दी है तो सूत्रों ने कहा कि किसी भी सरकार को मान्यता देने की एक प्रक्रिया होती है। इस बारे में भारत अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के साथ ही काम करेगा।

अफगानिस्तान जा चुका विदेश मंत्रालय का दल

सनद रहे कि हाल ही में भारतीय विदेश मंत्रालय का एक विशेष दल काबुल गया था। इस दल की तालिबान सरकार के रक्षा मंत्री से भी मुलाकात हुई थी। अगस्त, 2021 में अमेरिकी सेना की अचानक वापसी के बाद तालिबान ने काबुल पर कब्जा जमाया हुआ है। तब माना गया था कि तालिबान भारत के हितों के विरुद्ध होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जबकि तालिबान को सींचने वाले पाकिस्तान से रिश्ते खराब हो चुके हैं। तालिबान और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव भी चल रहा है, जबकि भारत अफगानी नागरिकों को खाना और दवाइयां भेज रहा है।

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अपना विशेष प्रतिनिधि हटाया, दोनों देशों के बीच संबंध नहीं सुधार पा रहे थे आसिफ दुर्रानी

यह भी पढ़ें: आत्मघाती हमले से दहला काबुल, 6 लोगों की मौत