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Sundar Pichai: तमिल अभिनेता ने चेन्नई में गूगल के सीईओ का पुश्तैनी घर खरीदा, कहा- गर्व महसूस हो रहा है

एक तमिल अभिनेता ने चेन्नई स्थित गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के पुश्तैनी घर को खरीद लिया है। अभिनेता ने कहा कि उन्हें उस घर को खरीदकर गर्व महसूस हो रहा है जहां सुंदर पिचाई का जन्म हुआ।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 21 May 2023 02:03 AM (IST)
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तमिल अभिनेता ने चेन्नई में सुंदर पिचाई का पुश्तैनी घर खरीदा
चेन्नई, आइएएनएस। एक तमिल अभिनेता सी. मणिकंदन, जो रियल एस्टेट का बिजनेस करते हैं, ने चेन्नई में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का पुश्तैनी घर खरीद लिया है।  मणिकंदन ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वह उस घर को खरीदकर गर्व महसूस कर रहे हैं, जहां सुंदर पिचाई का जन्म हुआ था।

''सुंदर पिचाई का घर खरीदना रोमांचक है''

मणिकंदन ने कहा, "चूंकि सुंदर पिचाई ने भारत को गौरवान्वित किया है। इसलिए वह घर खरीदना रोमांचक है, जहां उनका जन्म हुआ है।" उन्हों शहर के विभिन्न हिस्सों में अपने ब्रांड चेल्लप्पास बिल्डर्स के तहत लगभग 300 घरों का निर्माण और वितरण किया है।

सुंदर पिचाई के पिता ने अपने खर्चे पर तोड़ा पुराना ढांचा

मणिकंदन के मुताबिक, सुंदर पिचाई के पिता आर.एस. पिचाई ने अपने खर्चे पर पुराने ढांचे को तोड़ दिया और प्लॉट सौंप दिया। अभिनेता ने खुलासा किया कि चूंकि यह आर.एस. पिचाई की पहली संपत्ति थी, इसलिए वे दस्तावेज सौंपते वक्त भावुक हो गए।

20 साल तक चेन्नई में रहे पिचाई

  • सुंदर पिचाई का जन्म और पालन-पोषण चेन्नई में हुआ।
  • कहा जाता है कि वह 20 साल की उम्र तक इस घर में रहे थे।
  • उन्होंने IIT खड़गपुर में मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए 1989 में शहर छोड़ दिया।
  • जब मणिकंदन ने सुना कि संपत्ति बिक्री के लिए है, तो उन्होंने तुरंत इसे खरीदने का फैसला किया। 
  • हालांकि, उन्हें आर.एस. पिचाई की अमेरिका से वापसी का इंतजार करना पड़ा।

पिचाई की मां ने खुद बनाई कॉफी

मणिकंदन गूगल के सीईओ के माता-पिता की विनम्रता से प्रभावित हुए। उन्होंने खुलासा किया कि सुंदर की मां ने खुद फिल्टर कॉफी बनाई और पहली ही मुलाकात में उनके पिता ने उन्हें दस्तावेज देने की पेशकश की। अभिनेता ने कहा कि सुंदर पिचाई के पिता ने इस बात पर जोर दिया कि संपत्ति के स्वामित्व के हस्तांतरण और पंजीकरण में तेजी लाने के लिए उनके बेटे के नाम का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। मणिकंदन ने कहा कि आर.एस. पिचाई ने पंजीकरण कार्यालय में घंटों इंतजार किया और उन्हें दस्तावेज सौंपने से पहले सभी आवश्यक करों का भुगतान किया।