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Tamil Nadu: उदयनिधि ने हिंदी के खिलाफ फिर उगला जहर, बोले- हम पर न थोपी जाए कोई भाषा

तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने अब हिंदी के खिलाफ जहर उगला है। उन्होंने शनिवार को कहा कि अगर राज्य अपनी भाषाओं की रक्षा करने में विफल रहे तो हिंदी उनकी जगह ले लेगी जिससे राज्य की भाषा की पहचान मिट जाएगी। यही कारण है कि तमिलनाडु हिंदी थोपने के खिलाफ है। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी भाषा के प्रति कोई दुश्मनी नहीं है।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Sun, 03 Nov 2024 05:50 AM (IST)
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तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने अब हिंदी के खिलाफ जहर उगला है
 पीटीआई, चेन्नई। सनातन के खिलाफ जहर उगलने वाले तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने अब हिंदी के खिलाफ जहर उगला है। उन्होंने शनिवार को कहा कि अगर राज्य अपनी भाषाओं की रक्षा करने में विफल रहे, तो हिंदी उनकी जगह ले लेगी, जिससे राज्य की भाषा की पहचान मिट जाएगी। यही कारण है कि तमिलनाडु हिंदी थोपने के खिलाफ है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी भाषा के प्रति कोई दुश्मनी नहीं है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में द्रविड़ राजनीतिक आंदोलन ने लंबे समय तक साहित्य और भाषा को अपने आधार स्तंभ के रूप में रखा है। साहित्यिक, भाषाई और राजनीतिक लोकाचार के इस मिश्रण ने एक शक्तिशाली पहचान बनाई, जिसने तमिलनाडु के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को गहराई से आकार दिया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और केरल दोनों भारत के दो सबसे प्रगतिशील राज्य हैं और दोनों ने फासीवादी और सांप्रदायिक ताकतों को सफलतापूर्वक दूर रखा है।

उदयनिधि ने भाषा को लेकर कही ये बात

द्रविड़ राजनीति में साहित्यिक और भाषायी लोकाचार पर उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में द्रविड़ राजनीतिक आंदोलन, जो अपने मजबूत भाषायी और सांस्कृतिक गौरव के लिए जाना जाता है, ने लंबे समय से साहित्य और भाषा को अपने आधार स्तंभ के रूप में रखा है। उदयनिधि ने आज कोझीकोड में मनोरमा डेली समूह के कला एवं साहित्य महोत्सव में कहा कि साहित्यिक, भाषायी और राजनीतिक लोकाचार के इस सम्मिश्रण ने एक मजबूत पहचान बनाई, जिसने तमिलनाडु के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को गहराई से आकार दिया।

तमिल साहित्य लोगों के बीच लोकप्रिय

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और केरल दोनों ही भारत के दो सबसे प्रगतिशील राज्य हैं और दोनों ने फासीवादी तथा सांप्रदायिक ताकतों को सफलतापूर्वक दूर रखा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि द्रविड़ नेताओं ने राष्ट्रवाद और वैज्ञानिक सोच का प्रचार करने के लिए तमिल साहित्य का सहारा लिया और सी एन अन्नादुरई तथा एम करुणानिधि जैसे नेताओं ने लोगों के बीच तमिल साहित्य को लोकप्रिय बनाया।

उदयनिधि ने कहा कि द्रविड़ आंदोलन ने तमिल को अपनी पहचान का मूल आधार बनाया और तमिल को महज संचार के माध्यम के रूप में नहीं देखा गया बल्कि इसे समुदाय की आवाज के रूप में देखा गया। उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं ने जनता से जुड़ने के लिए साहित्य का सहारा लिया। अन्नादुरई और कलैगनार (करुणानिधि) के भाषणों में साहित्यिक संदर्भ समाहित थे और द्रविड़ आंदोलन के राजनीतिक दर्शन को जनता के लिए आसानी से समझने योग्य बनाया।

तेलुगु और कन्नड़ फिल्म भी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं

उदयनिधि ने कहा कि राजनीति में आने से पहले मैंने तमिल फिल्म उद्योग में कुछ समय बिताया था, जो अरबों का कारोबार कर रहा है। इसी तरह, केरल में भी फिल्म उद्योग फल-फूल रहा है। मुझे हाल के दिनों में बनी ज्यादातर मलयालम फिल्म पसंद हैं। इसी तरह, तेलुगु और कन्नड़ फिल्म भी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।