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तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष ने सेतुसमुद्रम प्रोजेक्ट को बताया बेवकूफी भरा कदम, बोले- राम सेतु को पहुंचेगा नुकसान

तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने सेतुसमुद्रम परियोजना को मूर्खतापूर्ण बताते हुए उस पर कई आपत्तियां जताई हैं। उन्होंने कहा कि द्रमुक सरकार ने फिर से इसे शुरू करने का मुद्दा उठाया है और इससे प्राचीन राम सेतु को बहुत नुकसान होगा। File Photo

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 27 Jan 2023 12:06 AM (IST)
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तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष ने सेतुसमुद्रम प्रोजेक्ट को बताया बेवकूफी भरा कदम।
नई दिल्ली, एएनआई। तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने सेतुसमुद्रम परियोजना को मूर्खतापूर्ण बताते हुए उस पर कई आपत्तियां जताई हैं। उन्होंने कहा कि द्रमुक सरकार ने फिर से इसे शुरू करने का मुद्दा उठाया है और इससे प्राचीन राम सेतु को बहुत नुकसान होगा। अन्नामलाई ने गुरुवार को एक पॉडकास्ट में कहा कि जब यूपीए सरकार सत्ता में थी तो राज्य की द्रमुक सरकार सेतु समुद्रम परियोजना को अमल में लाना चाहती थी। इस परियोजना के तहत श्रीलंका से घूमकर लंबा रूट लेकर नहीं आना होगा और वह सीधे टूथकोडि बंदरगाह पर आ जाएंगे।

द्रमुक सरकार का कहना है कि इस परियोजना से धन बचेगा और मालवाहक जहाज सीधे भारत आ सकेंगे। भाजपा नेता ने कहा कि जनवरी, 2021 में पीएम मोदी ने राम सेतु पर वैज्ञानिक शोध के लिए एक समिति का गठन किया था। हाल ही में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में राम सेतु का रामायण काल से संबंध होने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि वहां ढांचा जरूर है, लेकिन वह 18 हजार साल पुराना है, इसलिए अभी राम सेतु की स्थिति तय करना मुश्किल है।

उन्होंने कहा कि समिति अपना काम कर रही है और वह जल्द ही इस पर अपनी रिपोर्ट देगी। लेकिन तमिलनाडु सरकार ने इसका गलत मतलब निकाला और अब वही एक लाइन पकड़ ली है और अब वह कह रही है, चूंकि केंद्र सरकार भी यही कह रही है कि राम सेतु का अस्तित्व नहीं है तो हम इस परियोजना को लागू करने जा रहे हैं।

अन्नामलाई ने कहा कि भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाले 58 किमी लंबे राम सेतु को सेतु समुद्रम के लिए तोड़ना उचित नहीं होगा। वह द्रमुक सरकार के सेतु समुद्रम के 4ए प्रोजेक्ट को बेवकूफी भरा इसलिए भी कहते हैं, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने भी यही कहा था।

उन्होंने कहा कि श्रीलंका और तमिलनाडु के बीच समुद्र बहुत छिछला है। वहां राम सेतु और मूंगे की चट्टानें हैं। अगर जहाज सीधे आने लगे तो वह अपने साथ और रेत खींचते लाएंगे जिन्हें समय-समय पर साफ करना होगा। बड़े जहाज कभी भी इस रूट पर आ नहीं सकेंगे। वहां पर खुदाई होने से दक्षिण भारत को सुनामी के दौरान होने वाले भारी नुकसान से नहीं बचाया जा सकेगा। चूंकि यह इंडोनेशियाई प्लेट है जो बहुत कमजोर है। उन्होंने कहा कि 25 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट से केवल द्रमुक के दो नेताओं को फायदा होगा।

'मोदी जी से नाराज हुए और राहुल ने यात्रा शुरू कर दी'

अन्नामलाई ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस के जनता तक पहुंचने के कार्यक्रमों में ना तो कोई उद्देश्य है और ना ही कोई दृष्टिकोण। पद यात्रा का कोई व्यापक मकसद होना चाहिए। यह नहीं कि बस मोदी जी से नाराज हुए और एक यात्रा शुरू कर दी। अन्नामलाई ने कहा कि यात्रा का एक उद्देश्य होना चाहिए। इसलिए कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा बिना किसी स्पष्ट दृष्टिकोण के बेकार है। खुद राहुल गांधी कह चुके हैं कि देश में नफरत का कोई माहौल नहीं है। ऐसे में उनकी यात्रा का कोई मकसद नहीं होने के संकेत मिलते हैं।

अन्नामलाई ने पूछा कि दिल्ली में राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने यहां तक की यात्रा में देश में कोई नफरत का माहौल नहीं देखा। तो फिर उन्होंने यात्रा क्यों शुरू की? विगत 24 दिसंबर को राहुल ने दिल्ली में लाल किले के बाहर एक विशाल रैली में कहा था, 'भारत जोड़ो यात्रा में कुत्ते भी आते हैं, लेकिन कोई उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाता। गाय, भैंस, सूअर और सभी जानवर आए। सभी लोग आए। 2800 किलोमीटर चलने के दौरान मैंने उनके बीच कोई हिंसा या नफरत नहीं देखी। लेकिन जब मैं टीवी आन करता हूं तो हर वक्त नफरत नजर आती है।'

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