'रोजगार और शिक्षा में आरक्षण को 50 फीसदी तक नहीं किया जाए सीमित', स्टालिन ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रोजगार और शिक्षा में आरक्षण को 50 प्रतिशत तक सीमित करने का विरोध किया है। उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरक्षण नीति को सही तरह से लागू नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां रोजगार और शिक्षा में 69 प्रतिशत आरक्षण है जिसे 50 फीसदी तक सीमित करना सही नहीं है।
चेन्नई, पीटीआई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रोजगार और शिक्षा में आरक्षण को 50 प्रतिशत तक सीमित करने का विरोध किया है। उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरक्षण नीति को सही तरह से लागू नहीं करने का आरोप लगाया है।
सीएम स्टालिन ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल
तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने रोजगार और शिक्षा में आरक्षण की 50 प्रतिशत तक सीमित किए जाने पर सवाल उठाए और कहा कि आरक्षण से संबंधित राज्यों को इस पर निर्णय लेने की अनुमति दी जाए। उन्होंने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां रोजगार और शिक्षा में 69 प्रतिशत आरक्षण है, जिसे 50 फीसदी तक सीमित करना सही नहीं है।
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'राज्य सरकारों को मिले कोटा की मात्रा तय करने का अधिकार'
सीएम स्टालिन ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यों को कोटा की मात्रा तय करने की छूट दी जाए। सीएम ने कहा कि राज्यों की जनसंख्या के हिसाब से ही आरक्षण देने की शक्ति उनके पास होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आरक्षण देना राज्य सरकारों का अधिकार है। इसलिए राज्यों को इसे लेकर अधिकार देने चाहिए।
स्टालिन ने मोहन भागवत पर साधा निशाना
इसके साथ ही सीएम स्टालिन ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि RSS तब कहां था जब वीपी सिंह की सरकार आरक्षण के एक फैसले के बाद गिर गई थी। अब लोकसभा चुनाव नजदीक है तो मोहन भागवत आरक्षण की बात कर रहे हैं। उन्होंने बीजेपी से सवाल पूछा कि अगर ऐसा होता तो बीजेपी अपने 9 साल के शासन में 27 फीसदी आरक्षण नीति को लागू कर देती।