Cauvery Water Row: नहीं थम रहा कावेरी जल विवाद, किसान संघ ने रेलवे ट्रैक पर किया विरोध प्रदर्शन, देखें वीडियो
तमिलनाडु में कावेरी जल विवाद (Cauvery Water Row) को लेकर किसान संघ ने रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन किया। समाचार एजेंसी ANI द्वारा शेयर किए गए वीडियो में किसान संघ के सदस्यों को रेलवे ट्रैक पर कावेरी जल मुद्दे पर नारे लगाते और विरोध करते हुए देखा जा सकता है। बता दें कावेरी जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु सरकारों के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 01 Oct 2023 12:47 PM (IST)
एएनआई, तमिलनाडु। Cauvery water Crisis: कावेरी नदी जल बंटवारे का मुद्दा एक बार फिर तूल पकड़ता जा रहा है। रविवार को नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग फार्मर्स एसोसिएशन ने त्रिची में एक रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन किया। समाचार एजेंसी ANI द्वारा शेयर किए गए वीडियो में किसान संघ के सदस्यों को रेलवे ट्रैक पर कावेरी जल मुद्दे पर नारे लगाते और विरोध करते हुए देखा जा सकता है।
इससे पहले अय्याकन्नू के नेतृत्व में किसान संघ ने 25 सितंबर को त्रिची में विरोध प्रदर्शन किए थे। इसमें लोगों ने मानव कंकाल के कुछ हिस्सों को पकड़कर अर्धनग्न विरोध प्रदर्शन किया था। बता दें कि तमिलनाडु में खड़ी 'कुरुवाई' फसल की खेती को बचाने के लिए कावेरी जल के बंटवारे की मांग की जा रही है।
दोनों राज्यों को आयोग के फैसले पर काम करना होगा
कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच चल रही कावेरी जल बंटवारे मुद्दे को लेकर अब कांग्रेस सांसद पी. चिदंबरम ने अपना बयान जारी किया है। चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए एक आयोग है और दोनों राज्यों को आयोग के फैसले पर काम करना होगा।चिदंबरम ने कहा, 'मैं तमिलनाडु से सांसद हूं, इसलिए मैं तमिलनाडु की मांगों को दबा सकता हूं और कर्नाटक के सांसद भी कर्नाटक की मांगों को दबाएंगे। इस मुद्दे पर निर्णय करने के लिए एक आयोग है। दोनों राज्यों को आयोग के फैसले पर कार्य करना होगा।'यह भी पढ़े: Cauvery Water Dispute: 140 साल पुराना है कावेरी नदी जल विवाद, कई समझौतों के बाद भी आमने-सामने हैं दो राज्य
लंबे समय से चल रही खींचतान
बता दें कि कावेरी जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु सरकारों के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है। कावेरी नदी को किसी भी राज्य में लोगों के लिए जीविका के प्रमुख स्रोत के रूप में देखा जाता है।
सीडब्ल्यूआरसी ने कर्नाटक को 28 सितंबर से 15 अक्टूबर, 2023 तक बिलीगुंडलू में 3000 क्यूसेक कावेरी पानी छोड़ना सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। इससे पहले, छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा 5000 क्यूसेक थी। तमिलनाडु सरकार ने अपने पड़ोसी देश पर पानी की आपूर्ति के बारे में देश से झूठ बोलने का आरोप लगाया है।
#WATCH | Tamil Nadu: Members of the National South Indian River Interlinking Farmers Association protest on railway track in Trichy over the Cauvery water issue.
— ANI (@ANI) October 1, 2023
They are demanding the release of Cauvery water for Tamil Nadu. pic.twitter.com/zfNRZuX5l9