सुप्रीम कोर्ट से तमिलनाडु सरकार ने कहा- संवेदनशील इलाकों में संघ को पथ संचलन की अनुमति नहीं
तमिलनाडु की सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पथ संचलन के पूर्ण विरोध में नहीं है लेकिन संवेदनशील इलाकों में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। फाइल फोटो।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 03 Mar 2023 07:32 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआई। तमिलनाडु की सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पथ संचलन के पूर्ण विरोध में नहीं है, लेकिन संवेदनशील इलाकों में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। वहीं, आरएसएस ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि वह पांच मार्च को राज्य में कोई पथ संचलन नहीं करने जा रहा है, क्योंकि संगठन ने रैली स्थगित करने का निर्णय लिया है।
11 या 12 मार्च तक कुछ भी नहीं कर रहा संघ
आरएसएस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि संघ 11 या 12 मार्च तक कुछ भी नहीं कर रहा है। वहीं, तमिलनाडु सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सर्वोच्च न्यायालय से 17 मार्च तक सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया।
पीठ ने 17 मार्च तक स्थगित की सुनवाई
तमिलनाडु सरकार ने यह भी बताया कि वे आरएसएस से पथ संचलन के लिए प्रस्तावित मार्गों पर बातचीत करेंगे, क्योंकि वे इसके पूर्ण विरोध में नहीं है। इसके बाद जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने सुनवाई 17 मार्च के लिए स्थगित कर दी।तमिलनाडु सरकार ने दी थी मद्रास हाई कोर्ट फैसले को चुनौती
तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट के गत दस फरवरी के उस निर्देश को चुनौती दी है, जिसमें राज्य पुलिस को संघ को पथ संचलन की अनुमति देने को कहा था। हाई कोर्ट के इस निर्देश के विरुद्ध राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।