Tamil Nadu Hooch Case: तमिलनाडु में जहरीली शराब से अब तक 47 की मौत, 30 की हालत गंभीर; अन्नामलाई ने CBI जांच की मांग की
तमिलनाडु में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 47 हो गई और 30 लोगों की हालत गंभीर बनीं हुई है। कल्लाकुरिची डीएम प्रशांत एमएस ने कहा कि गुरुवार तक मरने वाले 29 लोगों के शव उनके रिश्तेदारों को सौंप दिए गए है। उन्होंने कहा कि शवों को या तो दफना दिया गया या उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
पीटीआई, चेन्नई। तमिलनाडु में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 47 हो गई और 30 लोगों की हालत गंभीर बनीं हुई है। कल्लाकुरिची डीएम प्रशांत एमएस ने कहा कि गुरुवार तक मरने वाले 29 लोगों के शव उनके रिश्तेदारों को सौंप दिए गए है। उन्होंने कहा कि शवों को या तो दफना दिया गया या उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
घटना के बाद से राज्य की स्टालिन सरकार की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। विपक्षी दल घटना की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। तमिलनाडु सरकार ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
डीएम प्रशांत एमएस ने कहा कि जहरीली शराब पीने के बाद कुल 165 लोगों को कल्लाकुरिची, जेआईपीएमईआर, सेलम और मुंडियामबक्कम सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। इनमें से अब तक 47 की मौत हो चुकी है। इलाज करा रहे 118 लोगों में से 30 की हालत गंभीर बनीं हुई है। तीन प्रभावित व्यक्ति ठीक हो गए हैं।
पत्रकारों से बात करते हुए डीएम ने कहा कि जिले में अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है और उन्हें गहन तलाशी अभियान चलाने के लिए कहा गया है। मद्रास हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस बी गोकुलदास इस घटना की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग का नेतृत्व कर रहे हैं।
जस्टिस गोकुलदास (सेवानिवृत्त) ने कहा कि उन्होंने कल्लाकुरिची जहरीली शराब त्रासदी की जांच शुरू कर दी है। रिपोर्ट तीन महीने में सौंपी जाएगी। राज्य के भाजपा नेता अन्नामलाई ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर घटना की सीबीआई जांच की मांग की है। अन्नामलाई ने द्रमुक सरकार पर शराब विक्रेताओं से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के लोगों के इशारे पर अवैध शराब बनाई और बेची जा रही है। उन्होंने 22 जून को स्टालिन सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है।
वहीं, विपक्ष के नेता एके पलानीस्वामी के नेतृत्व में अन्नाद्रमुक सदस्यों ने जहरीली शराब त्रासदी पर धरना दिया। इसके बाद तमिलनाडु विधानसभा से अन्नाद्रमुक के सदस्यों को सामूहिक रूप से बाहर निकाल दिया गया। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अन्नाद्रमुक की आलोचना की और विपक्ष से इस गंभीर घटना से राजनीतिक लाभ नहीं लेने की अपील की।