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तमिलनाडु के श्रम मंत्री ने मजदूरों पर हमले की खबर को बताया झूठ, बोले- शांति के लिए जाना जाता है प्रदेश

राज्य में प्रवासी श्रमिकों पर हमले की फर्जी खबर के बाद से सभी प्रवासी मजदूर दहशत में हैं। इससे यहां के उद्योग बुरी तरह प्रभावित होते हैं। यहां सभी प्रवासी मजदूर सुरक्षित हैं और एसोसिएशन उनके साथ खड़ा रहेगा। इसकी जानकारी कक्कलूर इंडस्ट्रियल एस्टेट एसोसिएशन के सचिव ने दी।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Sat, 04 Mar 2023 11:39 AM (IST)
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तमिलनाडु के श्रम मंत्री ने मजूदरों पर हमले की खबर को बताया झूठ
हैदराबाद (तेलंगाना)। तमिलनाडु के कई इलाकों में बिहार के लोगों के साथ हुई कथित मारपीट का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। बिहार विधानसभा में मचे हंगामे के बीच तमिलनाडु के श्रम कल्याण और कौशल विकास मंत्री सीवी गणेशन ने एक बयान जारी कर मामले को झूठा बताया है।

तमिलनाडु के श्रम कल्याण और कौशल विकास मंत्री सीवी गणेशन ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर फैलाई गई खबर में कोई सच्चाई नहीं है। दरअसल, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में उत्तर भारत के मजदूरों पर हमला होने की खबरें वायरल हैं। मंत्री ने कहा क‍ि तमिलनाडु शांति के लिए जाना जाता है और ऐसी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, कक्कलूर इंडस्ट्रियल एस्टेट एसोसिएशन के सचिव ने कहा कि राज्य में प्रवासी श्रमिकों पर हमले की फर्जी खबर के बाद से सभी प्रवासी मजदूर दहशत में हैं। इससे यहां के उद्योग बुरी तरह प्रभावित होते हैं। यहां सभी प्रवासी मजदूर सुरक्षित हैं और एसोसिएशन उनके साथ खड़ा रहेगा।

भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ और दक्षिणी भारत मिल्स एसोसिएशन ने इस मामले को लेकर कहा कि प्रवासी श्रमिकों और स्थानीय श्रमिकों के बीच कोई टकराव नहीं है और इस तरह की सूचनाओं का प्रसार गलत है। 

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था वीडियो

दरअसल, गुरुवार सुबह से ही तमिलनाडु में हुई एक कथित घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस घटना की खबर अखबारों में भी छप गई थी। अखबारों की खबरों का हवाला देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को तमिलनाडु की घटना पर चिंता जताते हुए ट्वीट किया था। साथ ही मुख्य सचिव और डीजीपी को तमिलनाडु के आला अधिकारियों से बात करने और वहां काम करने वाले बिहार के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिए गए थे।

हालांकि, कुछ घंटे बाद तमिलनाडु पुलिस ने दावा किया कि बिहार के मजदूरों को मारे जाने के संबंध में सोशल मीडिया पर जो वीडियो चल रहे थे, वे फर्जी हैं। इसी कारण से सवाल खड़े हो रहे हैं कि कैसे बिहार के सीएम सोशल मीडिया पर चल रही फर्जी खबरों के शिकार हो गए?

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