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Tamil Nadu: कोरियन पॉप बैंड BTS से मिलने का जुनून, तीन स्कूली छात्राओं ने उठाया बड़ा कदम; और फिर जो हुआ...

तमिलनाडु के सरकारी स्कूल में 8 कक्षा में पढ़ने वाली 13 साल की तीन छात्राओं ने फैसला किया कि वह अपने फेवरेट कोरियाई पॉप बैंड बीटीएस से मिलेंगी और इसके लिए उन तीनों ने दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल जाने का फैसला किया। तीनों लड़कियों के पास कुल 14000 रुपये थे उन्हें लग रहा था कि इन पैसों के सहारे वह साउथ कोरिया पहुंच जाएंगी।

By Agency Edited By: Shalini Kumari Updated: Mon, 08 Jan 2024 11:05 AM (IST)
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BTS स्टार से मिलने के लिए तमिलनाडु की तीन छात्राएं हुईं घर से फरार (फाइल फोटो)
पीटीआई, चेन्नई। करूर जिले के एक शांत इलाके में बसे एक गांव की तीन स्कूली लड़कियों और उनके परिवार ने कभी नहीं सोचा होगा कि म्यूजिक और डांस उन्हें एक बड़ा और हैरान करने वाला कदम उठाने पर मजबूर कर देते हैं।

दरअसल, तमिलनाडु के सरकारी स्कूल में 8 कक्षा में पढ़ने वाली 13 साल की तीन छात्राओं ने फैसला किया कि वह अपने फेवरेट कोरियाई पॉप बैंड बीटीएस से मिलेंगी और इसके लिए उन तीनों ने दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल जाने का फैसला किया।

पानी जहाज के जरिए साउथ कोरिया जाने का फैसला

बाल कल्याण समिति के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "उन्होंने किसी तरह बीटीएस स्टार से मिलने का दृढ़ निर्णय लिया और दक्षिण कोरिया जाने के लिए तमिलनाडु में थूथुकुडी और आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम के बंदरगाहों का पता लगाया और अंत में विशाखापट्टनम से जाने का फैसला किया।"

लड़कियां 4 जनवरी को चुपचाप अपने घरों से बाहर निकल गईं और इरोड से ट्रेन पकड़कर चेन्नई पहुंच गईं। काफी समय बीतने के बाद लड़कियां घर नहीं लौटीं, तो परिवार परेशान हो गया और उनके माता-पिता ने करूर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद राज्य भर की पुलिस उन तीनों लड़कियों की तलाश में जुट गई।

14000 रुपये लेकर घर से भागी तीनों छात्राएं

तीनों लड़कियों के पास कुल 14,000 रुपये थे, उन्हें लग रहा था कि इन पैसों के सहारे वह साउथ कोरिया पहुंच जाएंगी। काफी मशक्कत के बाद गुरुवार रात उन्हें चेन्नई के एक होटल में कमरा मिला। दरअसल, उन्हें लगता था कि वह बिना पासपोर्ट के ही जहाज से सियोल जा सकते हैं। शुक्रवार को वह अपनी ख्वाहिश पूरा करने के लिए एक जगह से दूसरी जगह भटकने लगी, लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। जब उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा तो, वे अपने घर पहुंचने के लिए चेन्नई से ट्रेन में सवार हो गए।

वेल्लोर जिला बाल कल्याण समिति के प्रमुख पी वेदनायगम ने कहा, "काटपाडी रेलवे स्टेशन पर, जब वे आधी रात को खाना खरीदने के लिए उतरीं, तो उनकी ट्रेन छूट गई। पुलिस कर्मियों ने बच्चों और चाइल्ड लाइन अधिकारियों से बात की और हमें सूचित कर दिया गया।"

माता-पिता और बच्चों के लिए हुई काउंसलिंग

तीनों लड़कियों को वेल्लोर जिले में एक सरकारी सुविधा में रखा गया और उनके माता-पिता को बुलाया गया और बच्चों और उनके माता-पिता के लिए काउंसलिंग सेशन किया गया। अधिकारी ने उनके माता-पिता से कहा, "हमें पता चला कि लड़कियों को बीटीएस बैंड और स्टार के बारे में छोटी से छोटी जानकारी पता थी, उनके कपड़े पहनने के तरीके और सब कुछ। यहां तक कि लड़कियों ने बिल्कुल वैसे ही जूते भी खरीदें हैं, जैसे पॉप बैंड स्टार इस्तेमाल करते थे।"

बच्चों को विनम्रता के साथ समझाया

बीटीएस स्टार उनकी प्रेरणा थे और इंटरनेट-मोबाइल फोन ने उनकी चाहत को और बढ़ा दिया। अधिकारी ने कहा, "यह हमारे लिए बहुत स्पष्ट था कि वे बीटीएस से मिलने के लिए बेताब थी, लेकिन अपने सपनों को पूरा करने के लिए 'विदेश जाने' का उनका निर्णय एक भयानक गलती थी, जो उन्हें काफी विनम्रता से बताई गई। अधिकारी ने कहा कि बच्चों को केवल पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिससे उन्हें अपने सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी, चाहे वह कुछ भी हो।

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माता-पिता को दी गई नसीहत

साथ ही, माता-पिता को भी कहा गया कि वह अपने बच्चों पर ध्यान दें और उनकी गतिविधियों पर नजर रखे। इस उम्र में बच्चों के साथ समय बिताना बहुत जरूरी होता है, ऐसे में माता-पिता से कहा गया कि वह अपने बच्चों को इस बात को लेकर कुछ भी गलत ने कहें।

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