छोटे रिएक्टरों के भरोसे पूरा हो सकता है परमाणु ऊर्जा का लक्ष्य, बड़े संयंत्रों को लगाने में आ रही हैं दिक्कतें
भारत ने वर्ष 2031 तक अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को बढ़ाकर 25000 मेगावाट करना चाहता है। अभी यह क्षमता 6800 मेगावाट के करीब है। पूर्व में अमेरिका और फ्रांस की कंपनियों के साथ मिलकर भारत में बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने की जो योजना थी वह कुछ खास नहीं आगे बढ़ पाई हैं। भारत और फ्रांस की कंपनियों ने जैतापुर में परमाणु संयंत्र लगाने का समझौता किया है।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 22 Jul 2023 09:50 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को लगाने की राह में आ रही दिक्कतों को देखते हुए सरकार अब छोटे परमाणु रिएक्टरों को बढ़ावा देने की नीति पर चल रही है। इस क्रम में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में भारत के दो पुराने सहयोगी देश अमेरिका और फ्रांस दोनों से वार्ता का क्रम शुरू हो गया है।
पिछले दिनों पीएम नरेन्द्र मोदी ने इन दोनों देशों की यात्रा की है और यात्रा के दौरान हुई शीर्ष स्तरीय वार्ता में छोटे परमाणु रिएक्टर एक प्रमुख मुद्दा रहा है। वैसे छोटे परमाणु रिएक्टर की तकनीक अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है। फ्रांस और अमेरिका ने इसको लेकर भारत के साथ काम करने की सहमति जताई है। भारत भी इसके लिए तैयार है।
भारत ने वर्ष 2031 तक अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को बढ़ाकर 25,000 मेगावाट करना चाहता है। अभी यह क्षमता 6,800 मेगावाट के करीब है। पूर्व में अमेरिका और फ्रांस की कंपनियों के साथ मिलकर भारत में बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने की जो योजना थी वह कुछ खास नहीं आगे बढ़ पाई हैं।
भारत और फ्रांस के बीच हुआ समझौता
भारत और फ्रांस की कंपनियों ने जैतापुर में 9500 मेगावाट क्षमता के परमाणु संयंत्र लगाने का समझौता किया हुआ है, लेकिन कई वजहों से इसकी प्रगति नगण्य है।
ऐसे में विदेश मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि छोटे परमाणु रिएक्टर सही साबित हो सकते हैं। इन रिएक्टरों की क्षमता 100 मेगावाट से 300 मेगावाट हो सकती है। इनको लगाने के लिए बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहित करने की भी जरूरत नहीं होती है। साथ ही इनकी लागत भी कम होती है।
इसी तरह से भारत और अमेरिका की कंपनियों के सहयोग से आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने को लेकर एक दशक से बातचीत जारी है, लेकिन इसकी प्रगति भी कुछ खास नहीं है।