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Teachers Day Special: गलत सूचना की पहचान करना कैसे सीखें छात्र? विश्वास न्यूज के वेबिनार में एक्सपर्ट्स ने दी ट्रेनिंग

गलत सूचना यानी भ्रामक जानकारी का शिकार कोई भी हो सकता है। ऐसे में सभी को इसके प्रति सजग रहना चाहिए। छात्रों के लिए इसकी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जागरण न्यू मीडिया के फैक्ट चेकर साथी विश्वास न्यूज ने छात्रों को गलत सूचना की पहचान करने के लिए सशक्त कैसे करें विषय पर वेबिनार आयोजित किया। इसमें देशभर के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और प्रोफेसरों ने भाग लिया।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 06 Sep 2024 03:58 PM (IST)
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छात्रों को गलत सूचना की पहचान करने के प्रति सशक्त करने के लिए आयोजित किया गया वेबिनार।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिक्षक दिवस के अवसर पर गुरुवार को जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग यूनिट विश्वास न्यूज ने "छात्रों को गलत सूचना की पहचान करने के लिए सशक्त कैसे करें" विषय पर एक विशेष ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें देशभर के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और प्रोफेसरों ने भाग लिया। वेबिनार का उद्देश्य छात्रों को मीडिया साक्षरता के महत्व को समझाने और गलत सूचना के प्रभाव से बचने के लिए सशक्त बनाने के उपायों पर चर्चा करना था।

पैनलिस्ट और उनकी भूमिकाएं

वेबिनार में कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने भाग लिया, जिन्होंने अपने अनुभव और विशेषज्ञता साझा की। पैनलिस्टों में शामिल थे:

  • डॉ. अमरेंद्र कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, पत्रकारिता और जनसंचार, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड, रांची: डॉ. अमरेंद्र ने मीडिया साक्षरता पर जोर देते हुए कहा कि अध्यापक होने के नाते हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम अपने छात्रों को मिसइन्फॉर्मेशन और डिसइन्फॉर्मेशन के बारे में अवगत कराएं
  • डॉ. जितेंद्र सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर और एचओडी, स्कूल ऑफ लिबरल एंड क्रिएटिव आर्ट्स (पत्रकारिता), लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, पंजाब: उन्होंने बताया कि कैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती गतिविधि ने गलत सूचना के प्रसार को बढ़ावा दिया है और इसके लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
  • डॉ. अर्चना कुमारी, एसोसिएट प्रोफेसर, सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली: डॉ. अर्चना ने कहा कि मीडिया साक्षरता को स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए, ताकि छात्र प्रारंभिक स्तर से ही सोशल मीडिया पर आने वाली सूचनाओं की जांच करने की क्षमता विकसित कर सकें।
  • डॉ. तनुश्री मुखर्जी, एसोसिएट प्रोफेसर, एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, एमिटी यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान: उन्होंने बताया कि छात्रों को सूचना का विश्लेषण करने और उसे सत्यापित करने की प्रक्रिया में प्रशिक्षित करना कितना महत्वपूर्ण है और हम छात्रों के कैसे प्रशिक्षित कर सकते हैं।
  • डॉ. अमिता, असिस्टेंट प्रोफेसर, विभाग पत्रकारिता और जनसंचार, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश: डॉ. अमिता ने जोर देकर कहा कि मीडिया साक्षरता के लिए सबसे पहले अध्यापकों को भी अपने आपको जागरूक रखने की जरूरत है, ताकि वह छात्रों को गलत सूचना की पहचान करने के लिए सशक्त बना सकें।
  • यासिर अराफात, शिक्षाविद और अनुसंधान विद्वान, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हिमाचल प्रदेश एवं पूर्व सहायक प्रोफेसर, भारतीय जनसंचार संस्थान जम्मू: उन्होंने बताया कि सोशल माडिया के इस दौर में मिसइन्फॉर्मेशन के ट्रेंड्स भी लगातार बदल रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि इस साक्षरता के मिशन की शुरुआत अपने घर से ही करें और समाज को मिसइन्फॉर्मेशन और डिसइन्फॉर्मेशन से बचाएं।

पूरा वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें

वेबिनार के मुख्य बिंदु

वेबिनार के दौरान, पैनलिस्टों ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की:

  • मीडिया साक्षरता का महत्व: सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया साक्षरता का ज्ञान होना आवश्यक है, ताकि छात्र किसी भी प्रकार की जानकारी की सच्चाई का पता लगा सकें। उन्होंने बताया कि छात्र समाज के एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें सही जानकारी तक पहुंच बनाने का अधिकार है।
  • फैक्ट-चेकिंग के तरीके: पैनलिस्टों ने जानकारी की सत्यता की जांच करने के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की, जैसे कि स्रोत की जांच करना, लेखक की विश्वसनीयता को परखना और तथ्यों की पुष्टि के लिए अन्य विश्वसनीय स्रोतों से तुलना करना।
  • सोशल मीडिया पर गलत जानकारी का प्रसार: सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के साथ, गलत सूचना का प्रसार भी बढ़ा है। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों को सिखाया जाना चाहिए कि वे सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी को कैसे समझें और उसकी जांच कैसे करें।
  • संवाद और चर्चा का महत्व: सभी पैनलिस्टों ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों के बीच संवाद और चर्चा को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि वे अपनी जानकारी और विचारों का आदान-प्रदान कर सकें और एक-दूसरे से सीख सकें।

कार्यक्रम की प्रतिक्रिया

वेबिनार को व्यापक प्रतिक्रिया मिली और इसे सभी प्रतिभागियों द्वारा सराहा गया। शिक्षकों ने वेबिनार के दौरान पूछे गए सवालों पर अपनी व्यापक राय रखी। कार्यक्रम के माध्यम से समाज को जागरूक करने और मीडिया साक्षरता को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया। प्रतिभागियों ने इस पहल की सराहना की और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की।

विश्वास न्यूज़ इस प्रकार के वेबिनार और पहल के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने और गलत सूचना के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। यह वेबिनार इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने छात्रों और शिक्षकों दोनों को मीडिया साक्षरता के महत्व को समझने और गलत सूचना से बचने के लिए सशक्त बनाया।

इस वेबिनार ने न केवल छात्रों को गलत सूचना की पहचान करने के लिए सशक्त किया, बल्कि उन्हें इस दिशा में सक्रिय रूप से कार्य करने के लिए भी प्रेरित किया। विश्वास न्यूज़ इस तरह की पहलों के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए लगातार प्रयासरत रहेगा। हमारे साथ जुड़ें और इस महत्वपूर्ण प्रयास का हिस्सा बनें। आइए, मिलकर गलत सूचना के खिलाफ जागरूकता फैलाएं और समाज को सशक्त बनाएं।