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Teesta Setalvad : Teesta Setalvad: सीतलवाड़ पर संयुक्त राष्ट्र की टिप्पणी को लेकर भारत सख्त, कहा- ये स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप

ओएचसीएचआर की सीतलवाड़ मामले पर टिप्पणी पूरी तरह से अवांछित है। यह भारत की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है। ऐसी कानूनी कार्रवाई को उत्पीड़न बताना गुमराह करने वाला और अस्वीकार्य है। यह भारत की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है।

By Shashank Shekhar MishraEdited By: Updated: Wed, 29 Jun 2022 11:08 PM (IST)
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ओएचसीएचआर ने तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की।

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत ने तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (ओएचसीएचआर)की टिप्पणी को खारिज कर दिया है। कहा है कि यह देश की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप है। इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारतीय प्राधिकार ने स्थापित न्यायिक नियमों के तहत कानून के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई की है। बागची ने कहा कि ओएचसीएचआर की सीतलवाड़ मामले पर टिप्पणी पूरी तरह से अवांछित है। यह भारत की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है। ऐसी कानूनी कार्रवाई को उत्पीड़न बताना, गुमराह करने वाला और अस्वीकार्य है। गौरतलब है कि ओएचसीएचआर ने तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है।

जानिए क्या है पूरा मामला

2002 में गुजरात के गोधरा स्टेशन पर अयोध्या से लौट रही साबरमती एक्सप्रेस के दो डिब्बे उपद्रवियों द्वारा जलाए जाने के बाद दंगे हुए थे। इन दंगों में हिंदू और मुसलमान दोनों समुदायों के लोग बड़ी संख्या में हताहत हुए थे। इसी दंगे में कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की भी मौत हो गई थी। एक वर्ग द्वारा इन दंगों के लिए गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भाजपा के कई और नेताओं को दोषी ठहराया जा रहा था। तीस्ता सीतलवाड़ इस वर्ग का नेतृत्व करने वालों में से एक थीं।

गुजरात दंगों की जांच के लिए बनी एसआइटी की रिपोर्ट में नरेन्द्र मोदी एवं अन्य भाजपा नेताओं को निर्दोष करार दिया गया था। रिपोर्ट के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। सख्त लहजे में कहा कि मामले को गर्म बनाए रखने के लिए आधारहीन और गलत बयानी से भरी याचिका दाखिल की गई। न्यायालय ने उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की पैरवी की है, जिन्होंने मामले को सनसनीखेज और राजनीतिक रूप से गर्म बनाने का प्रयास किया था।

तीस्ता सीतलवाड़ के पति जावेद आनंद ने बताया कि सीआइएसएफ के नोएडा मुख्यालय से उनके पास यह जानने के लिए फोन आया कि इस समय तीस्ता को किस एजेंसी की सुरक्षा मिली हुई है? उनके पास पहले सीआइएसएफ की ही सुरक्षा थी। वह सुरक्षा हट जाने के बाद उन्हें मुंबई पुलिस की सुरक्षा प्राप्त हो गई थी। जावेद के अनुसार,  सीतलवाड़ के पड़ोस में रहने वाले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की सुरक्षा में लगे दो व्यक्तियों ने आकर पूछा कि क्या तीस्ता घर पर हैं? इसके कुछ देर बाद ही गुजरात पुलिस सीतलवाड़ के घर पहुंच गई। उसके पास कोई वारंट नहीं था, सिर्फ एफआइआर की कापी थी। जावेद ने कहा कि हम अपने वकील के आने के बाद ही बात करेंगे। महिला पुलिस के साथ घर में घुसे एक सिपाही ने तीस्ता के साथ अभद्रता की और उन्हें जबरन गाड़ी में बैठाकर ले गए।