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'विपक्षी सांसदों ने JPC चीफ जगदंबिका पाल को दी धमकी', तेजस्वी सूर्या का बड़ा आरोप

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद तेजस्वी सूर्या ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर विपक्षी सदस्यों पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने वक्फ संशोधन विधेयक पर पैनल की बैठक के दौरान संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष और गवाह जगदंबिका पाल को धमकी दी है। भाजपा सांसद ने दावा किया कि विपक्षी सांसदों ने कार्यवाही में बाधा डाली है।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Fri, 18 Oct 2024 04:47 PM (IST)
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विपक्षी सांसदों पर तेजस्वी सूर्या का बड़ा आरोप (फाइल फोटो)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद तेजस्वी सूर्या ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर विपक्षी सदस्यों पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने पैनल की बैठक के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष और एक गवाह जगदंबिका पाल को धमकी दी है।

पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, तेजस्वी सूर्या ने पत्र लिखकर कहा है, विपक्षी सांसदों ने 14 अक्टूबर को उस समय असंसदीय व्यवहार किया जब समिति ने कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिपड्डी को कर्नाटक में भूमि घोटाले पर उनके विचार सुनने के लिए बुलाया था।

'विपक्षी सांसदों ने दी धमकी'

अपने पत्र में, भाजपा सांसद ने दावा किया कि विपक्षी सांसदों ने कार्यवाही में बाधा डाली और जेपीसी अध्यक्ष और गवाह दोनों को मौखिक रूप से धमकी दी, और समिति के दस्तावेजों को भी फाड़ दिया। सूर्या ने आगे कहा, "वे उस जगह पर भी गए जहां गवाह और चेयरपर्सन बैठे थे, दोनों को शारीरिक रूप से धमकाने की कोशिश की, साथ ही उनकी तरफ से बनाए गए नोट और कागजात छीन लिए और फाड़ दिए।''

Anwar Manippadi, a former Karnataka State Minorities Commission Chairman, was called to… pic.twitter.com/JG9P7rihL9— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) October 17, 2024

'बैठक से उठकर चले गए विपक्षी सांसद'

तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाते हुए ये भी बताया, वे उपस्थित अन्य सदस्यों के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करते हुए बैठक से बाहर चले गए। सूर्या ने अध्यक्ष से विपक्षी सदस्यों को आचरण और संसदीय शिष्टाचार के नियमों का पालन करने का निर्देश देने और इस अनियंत्रित और असंसदीय व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने को कहा।

वक्फ भूमि पर बिक्री का आरोप

सूर्या ने कहा, "अपने बयान के दौरान, मणिपड्डी ने अपने कार्यकाल के दौरान 2012 में प्रस्तुत एक रिपोर्ट पर चर्चा की।" साथ ही इस रिपोर्ट में लगभग 2,000 एकड़ वक्फ भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण या बिक्री का आरोप लगाया गया है।

क्या है वक्फ बोर्ड?

वक्फ बोर्ड दरअसल मुस्लिम समाज की जमीनों पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया था। वक्फ का मतलब होता है 'अल्लाह के नाम', यानी ऐसी जमीनें जो किसी संस्था के नाम पर नहीं है। साथ ही वक्फ बोर्ड का एक सर्वेयर होता है। वही तय करता है कि कौन सी संपत्ति वक्फ की है, कौन सी नहीं। इस निर्धारण के तीन आधार होते हैं- अगर किसी ने अपनी संपत्ति वक्फ के नाम कर दी, अगर कोई मुसलमान या मुस्लिम संस्था जमीन की लंबे समय से इस्तेमाल कर रहा है या फिर सर्वे में जमीन का वक्फ की संपत्ति होना साबित हुआ। 

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