Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'आईटी के क्षेत्र में तेलंगाना देश में सर्वश्रेष्ठ': राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर बोले मुख्यमंत्री केसीआर

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के इतिहास में 17 सितंबर एक खास तारीख है। मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि मुझे लगता है कि मेरा जन्म तेलंगाना की उपलब्धि के रूप में हुआ। मैं लोगों के आशीर्वाद और पूरी प्रतिबद्धता के साथ पुनर्निर्माण कार्य कर रहा हूं।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 17 Sep 2023 05:41 PM (IST)
Hero Image
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (फाइल फोटो)

हैदराबाद, ऑनलाइन डेस्क। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि तेलंगाना के इतिहास में 17 सितंबर एक खास तारीख है। भारत की आज़ादी के बाद तत्कालीन भारत सरकार ने ब्रिटिश प्रशासन से बाहर की रियासतों को भारतीय संघ में विलय करने की प्रक्रिया शुरू की। उसी के एक भाग के रूप में हमारा हैदराबाद 17 सितंबर, 1948 को वृहत्तर भारत का अभिन्न अंग बन गया।

उन्होंने कहा कि इस विकास के साथ तेलंगाना में राजशाही समाप्त हो गई और संसदीय लोकतांत्रिक प्रशासन शुरू हुआ। तेलंगाना सरकार ने हैदराबाद राज्य के भारत संघ का अभिन्न अंग बनने के मौके को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया। इसलिए आज हम पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर जश्न मना रहे हैं।

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री केसीआर ने लिफ्ट सिंचाई योजना का किया उद्घाटन, बोले- एक नए युग की हुई शुरुआत

क्या कुछ बोले मुख्यमंत्री केसीआर?

मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि मुझे लगता है कि मेरा जन्म तेलंगाना की उपलब्धि के रूप में हुआ। मैं लोगों के आशीर्वाद और पूरी प्रतिबद्धता के साथ पुनर्निर्माण कार्य कर रहा हूं। 2 जून, 2014 को तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से चल रहे विकास और कल्याण कार्यक्रम इस उद्देश्य के लिए अनुकरणीय रहे हैं। यह कहावत 'तेलंगाना जैसा आचरण करता है, देश वैसा ही करता है' अक्षरशः सत्य है। अन्य राज्य सरकारें हमारी राज्य योजनाओं का अनुसरण कर रही हैं।

'हरा-भरा होने लगा पलामूरु जिला'

मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि 1956 में आंध्र प्रदेश राज्य के गठन से पालमुरु जिले को सबसे अधिक नुकसान हुआ। पलामूरु जिले में उस समय खेती योग्य भूमि 35 लाख एकड़ थी, जबकि केंद्रशासित प्रदेश में सिंचित भूमि केवल 4.5 लाख एकड़ थी। परिणामस्वरूप पालमुरु के लोगों को जीवित रहने के लिए पलायन करना पड़ा। उन्होंने कहा, 

हम सभी उस किसान की दुर्दशा के गवाह हैं जिसके पास 60 एकड़ जमीन है और वह मजदूरी करने के लिए शहर चला गया। अलग राज्य के गठन के बाद तेलंगाना सरकार ने मुख्य रूप से पलामुरु-रंगा रेड्डी उत्थान पर ध्यान केंद्रित किया। अब पलामूरु जिला हरा-भरा होने लगा है।

उन्होंने कहा कि पालमुरु-रंगा रेड्डी लिफ्ट योजना के रूप में हमने कल पंप के माध्यम से नरलापुर इनटेक से कृष्णा जल पंप करना शुरू कर दिया है। तेलंगाना सिंचाई के इतिहास में यह एक और सुनहरा अवसर है। कल सचमुच त्यौहार का दिन था, जब छह जिलों के लोगों की उम्मीदें पूरी हुईं।

यह भी पढ़ें: केसीआर ने OBC आरक्षण पर PM मोदी को लिखा पत्र, जरूरी विधायी प्रक्रिया शुरू करने का किया आग्रह

पलामुरु-रंगा रेड्डी लिफ्ट योजना

मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि पलामुरु-रंगारेड्डी लिफ्ट योजना में नहर कार्यों के लिए पहले ही आदेश दिए जा चुके हैं। इससे नगर कुरनूल, महबूब नगर, नारायणपेट, रंगारेड्डी, विकाराबाद, नलगोंडा सहित छह जिलों की 12 लाख 30 हजार एकड़ जमीन सिंचित होगी और 1226 गांवों को पीने का पानी मिलेगा।

कलवाकुर्ती, नेट्टमपाडु, बीमा और कोइल सागर लिफ्टिंग योजनाओं के माध्यम से 10 लाख एकड़ की सिंचाई की जा रही है, जो पलामुरु में पहले ही पूरी हो चुकी हैं। तकरीबन 50 लाख एकड़ को अन्य बड़े और मध्यम स्तर की परियोजनाओं और तालाबों के माध्यम से प्रचुर मात्रा में सिंचित किया जा रहा है। राज्य में पहले से ही 85 लाख एकड़ में सिंचाई की जा रही है।