Move to Jagran APP

केसीआर ने हरित क्रांति के जनक स्वामीनाथन के निधन पर जताया दुख, बोले- कृषि क्षेत्र के लिए हुई बहुत बड़ी क्षति

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भारत की हरित क्रांति के जनक विश्व प्रसिद्ध कृषि विज्ञानी रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित पद्म विभूषण एमएस स्वामीनाथन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनका निधन देश के कृषि क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है और देश के किसानों ने एक बड़ी दिशा खो दी है। मुख्यमंत्री केसीआर ने उनके परिवार के सदस्यों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 28 Sep 2023 04:23 PM (IST)
Hero Image
हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन का निधन (फोटो: एपी)
हैदराबाद, ऑनलाइन डेस्क। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) ने भारत की हरित क्रांति के जनक, विश्व प्रसिद्ध कृषि विज्ञानी, रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित पद्म विभूषण एमएस स्वामीनाथन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने दुख जताते हुए कहा कि उनके निधन से देश ने कृषि क्षेत्र ने विशिष्ट व्यक्ति खो दिया है।

केसीआर ने जताया दुख

मुख्यमंत्री ने कहा,

उनका निधन देश के कृषि क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है और देश के किसानों ने एक बड़ी दिशा खो दी है। मुख्यमंत्री केसीआर ने उनके परिवार के सदस्यों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में अधिकांश लोगों की आजीविका कृषि पर आधारित है और देश के लोगों की सांस्कृतिक जीवन शैली कृषि क्षेत्र से जुड़ी है, इस दृष्टि से एमएस स्वामीनाथन ने स्वदेशी की पारंपरिक पद्धति को मजबूत किया है। नवीन तरीकों से कृषि को गुणात्मक स्तर तक ले जाने में उनकी भूमिका रही है। मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि एमएस स्वामीनाथन के प्रयासों से भारत ने खाद्य विकास में भरपूर आत्मनिर्भरता हासिल की है।

यह भी पढ़ें: तेलंगाना के सीएम केसीआर 29 सितंबर को ले सकते हैं कैबिनेट की आखिरी बैठक, जनता को मिल सकती हैं कई सौगातें

'देश में खाद्यान्न का उत्पादन काफी बढ़ा'

मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि एमएस स्वामीनाथन द्वारा देश के लोगों के मुख्य खाद्य स्रोतों जैसे चावल, गेहूं और अन्य फसलों पर किए गए अद्भुत प्रयोगों से भारत में खाद्यान्न का उत्पादन काफी बढ़ गया और हरित क्रांति हासिल हुई। मुख्यमंत्री ने कहा,

कृषि के क्षेत्र में उनके द्वारा की गई सिफारिशों से देश के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत हुई है। एमएस स्वामीनाथन पहले कृषि विज्ञानी थे, जिन्होंने देश की आबादी की जरूरतों के अनुरूप खाद्य सुरक्षा की दिशा में जीवन भर काम किया।

'हर किसान के दिल में मजबूती से बसे रहेंगे स्वामीनाथन'

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग भौगोलिक परिस्थितियों वाली मिट्टी के लोगों द्वारा उगाई जाने वाली फसलों के विकास पर गहन शोध करने वाले एमएस स्वामीनाथन हर भारतीय किसान के दिल में मजबूती से बसे रहेंगे। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया,

एमएस स्वामीनाथन ने कई बार तेलंगाना में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई गतिविधियों और उनके साथ उनके सहयोग की प्रशंसा की। उन्होने कहा वे तेलंगाना राज्य के गठन के बाद एमएस स्वामीनाथन से राज्य सचिवालय में उनसे हुई मुलाकात को कभी नहीं भूलेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उस अवसर पर उनके साथ हुई व्यापक चर्चा में उनके द्वारा दिये गये कई सुझाव अमूल्य थे। मुख्यमंत्री ने याद किया कि उन्होंने मुफ्त बिजली और लिफ्ट के साथ सिंचाई क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार की गतिविधि की सराहना की।

यह भी पढ़ें: सीएम केसीआर ने चित्याला ऐलम्मा को किया याद, कहा- उनकी बहादुरी आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वामीनाथन की इच्छाओं को पूरा किया है, जिन्होंने कहा था कि तेलंगाना की मिट्टी बहुत उपजाऊ है और अगर शासक उचित ध्यान दें तो तेलंगाना देश के लिए बीज भंडार के रूप में विकसित होगा।