Move to Jagran APP

Telangana HC: तेलंगाना में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में भाजपा नेता को नोटिस जारी करने का निर्देश

तेलंगाना हाई कोर्ट ने टीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास की जांच कर रही एसआइटी को भाजपा नेता बीएल संतोष को फिर से नोटिस देने का निर्देश दिया। वह अभी तक एसआइटी के सामने पेश नहीं हुए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 24 Nov 2022 04:01 AM (IST)
Hero Image
तेलंगाना में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में भाजपा नेता को नोटिस जारी करने का निर्देश।
हैदराबाद, पीटीआइ। तेलंगाना हाई कोर्ट ने टीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास की जांच कर रही एसआइटी को भाजपा नेता बीएल संतोष को फिर से नोटिस देने का निर्देश दिया। वह अभी तक एसआइटी के सामने पेश नहीं हुए हैं। इससे पहले एसआइटी ने संतोष और अन्य को 21 नवंबर को पूछताछ के लिए पेश होने को लेकर नोटिस जारी किया था।

तेलंगाना के महाधिवक्ता बीएस प्रसाद ने कोर्ट को सूचित किया कि नोटिस दिए जाने के बाद भी संतोष एसआइटी के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने इस आधार पर समय मांगा है कि उनके दौरे के कार्यक्रम निर्धारित थे। वह पेश होने की तारीख के संबंध में पर्याप्त समय चाहते हैं। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने एसआइटी को फिर से संतोष को जांच टीम के सामने पेश होने के संबंध में उचित समय देते हुए नया नोटिस देने का निर्देश दिया।

एसआइटी द्वारा संतोष को जारी किए गए नोटिस पर रोक लगाने के अनुरोध वाली भाजपा की तेलंगाना इकाई द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 19 नवंबर को कहा था कि भाजपा नेता जांच अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे। साथ में निर्देश दिया कि उन्हें अगले आदेश तक गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को तय की।

बता दें कि टीआरएस के विधायक पायलट रोहित रेड्डी समेत चार विधायकों ने 26 अक्टूबर को तीन लोगों रामचंद्र भारती, नंद कुमार और सिम्हाजी स्वामी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया कि आरोपितों ने उन्हें सौ करोड़ रुपये की पेशकश की। बदले में विधायक को टीआरएस छोड़कर अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना था। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए नौ नवंबर को सात सदस्यीय एसआइटी गठित करने का आदेश दिया था।

ये भी पढ़ें: COP27: लॉस एंड डैमेज फंड पर सहमति, लेकिन उत्सर्जन कम करने की दिशा में नहीं हुई प्रगति

ये भी पढ़ें: Fact Check: गाड़ी के इंश्योरेंस क्लेम के लिए वैध पोल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं है जरूरी