Telangana: जज ने CEC राजीव कुमार के खिलाफ FIR दर्ज करने का दिया था आदेश, हाई कोर्ट ने किया सस्पेंड
तेलंगाना हाई कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और कई अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को निर्देश देने को लेकर एक विशेष सत्र न्यायाधीश को निलंबित कर दिया है। हाई कोर्ट का कहना है कि जज ने अनुचित जल्दबाजी में काम किया है। सीईसी के खिलाफ 11 अगस्त को एफआईआर दर्ज की गई थी।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Thu, 24 Aug 2023 12:37 PM (IST)
हैदराबाद, पीटीआई। तेलंगाना उच्च न्यायालय (Telangana High Court) ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (CEC Rajiv Kumar) और कई अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को दिए गए 'निर्देश' के संबंध में एक विशेष सत्र न्यायाधीश को निलंबित कर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि न्यायाधीश ने 'अनुचित जल्दबाजी' में काम किया।
हाई कोर्ट में दर्ज कराई थी शिकायत
हैदराबाद में आधिकारिक सूत्रों और दिल्ली में घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद, सांसदों/विधायकों के मुकदमे के लिए विशेष सत्र अदालत के न्यायाधीश के जया कुमार के खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर निलंबन की कार्रवाई की गई थी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि राघवेंद्र राजू द्वारा सीआरपीसी की धारा 200 के तहत दायर एक निजी शिकायत के आधार पर, न्यायिक अधिकारी ने बिना कोई प्रारंभिक जांच किए और शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किए बिना अनुचित जल्दबाजी में काम किया। सूत्रों ने प्रशासनिक पक्ष पर उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रकार, अधिकारी द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय अपनाई गई प्रक्रिया में गंभीर चूक हुई।
11 अगस्त को दर्ज की गई एफआईआर
गौड़ के 2018 राज्य विधानसभा चुनाव हलफनामे में कथित रूप से 'छेड़छाड़' करने के लिए सत्र अदालत द्वारा भेजे जाने के बाद 11 अगस्त को तेलंगाना के उत्पाद शुल्क मंत्री वी श्रीनिवास गौड़, सीईसी कुमार और कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।क्या है पूरा मामला?
यह मामला एक निजी शिकायत पर सत्र अदालत द्वारा पुलिस को भेजा गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि महबूबनगर के विधायक गौड़ ने तथ्यों को छिपाकर चुनावी हलफनामे के साथ 'छेड़छाड़' की थी।गौड़ को 'पहले आरोपी' के रूप में नामित किया गया था, वहीं सीईसी कुमार और कई अन्य अधिकारियों को सह-आरोपी बनाया गया था, जिन पर शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उन्होंने मंत्री के साथ मिलीभगत की थी और बिना कोई कार्रवाई किए चुनावी हलफनामा बंद कर दिया था।
सूत्रों ने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि न्यायिक अधिकारी को तेलंगाना सिविल सेवा नियम, 1991 के तहत उच्च न्यायालय द्वारा निलंबित किया गया है।