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अपेक्षित उत्पादन होने पर 10 लाख टन अतिरिक्त चीनी निर्यात की होगी अनुमति, वास्तविक अनुमान आने पर होगा फैसला

चीनी की कीमतों में पूरे वर्ष कोई बहुत उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिला है। ब्राजिल के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। सरकार ने पहली छमाही में ही 60 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दे दी है।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Mon, 06 Mar 2023 08:25 PM (IST)
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गन्ना बकाया का 77 फीसद किया जा चुका है भुगतान
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चीनी का अपेक्षित उत्पादन होने की दशा में सरकार 10 लाख टन अतिरिक्त चीनी निर्यात की अनुमति दे सकती है। चीनी के घरेलू उत्पादन का वास्तविक अनुमान अगले महीने आ जाएगा जिसके बाद चीनी निर्यात को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को एक अनौपचारिक बातचीत में यह जानकारी दी। उनका कहना है कि देश में चीनी की कोई कमी नहीं है।

ब्राजिल के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक

चीनी की कीमतों में पूरे वर्ष कोई बहुत उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिला है। ब्राजिल के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। सरकार ने पहली छमाही में ही 60 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दे दी है। अगला फैसला लेने से पहले चीनी उत्पादन के वास्तविक अनुमान की प्रतीक्षा की जा रही है। देश में चीनी का पर्याप्त स्टॉक है जिससे चीनी की थोक व खुदरा कीमतें पिछले एक महीने के भीतर नीचे आई हैं।

खाद्य मंत्रालय ने पिछले चीनी वर्ष (अक्तूबर से सितंबर) 2021-22 में कुल 110 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी थी, जो अब तक के चीनी निर्यात का एक रिकार्ड है। खाद्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि 336 लाख टन चीनी का अनुमानित उत्पादन हुआ तो 10 लाख टन अतिरिक्त चीनी निर्यात की अनुमति दी जा सकती है। फरवरी माह तक कुल 247 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। जबकि चीनी मिलों ने 43 लाख टन चीनी का निर्यात सौदा पक्का कर लिया है।

इन राज्यों में चीनी के उत्पादन का अनुमान

अगले महीने के समाप्त होने तक मिलों में पेराई बंद हो जाएगी, जिसके बाद सरकार पूरी स्थिति की समीक्षा करेगी। गन्ना उत्पादक तीन प्रमुख राज्यें में चीनी उत्पादन घटने के बावजूद वर्ष 2022-23 मार्केटिंग सीजन में कम से कम 336 लाख टन उत्पादन का अनुमान है। महाराष्ट्र में चीनी की उत्पादन पिछले वर्ष के 137 लाख टन के मुकाबले 120 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है। जबकि उत्तर प्रदेश में पिछले साल के 102 लाख टन के मुकाबले केवल 100 लाख टन चीनी का उत्पादन होगा। वहीं कर्नाटक में 62 लाख टन के मुकाबले 55 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सकेगा।

खाद्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया

चालू सीजन में 50 लाख टन चीनी की एवज में एथनाल का उत्पादन किया जाएगा। जबकि पिछले वर्ष 36 लख टन चीनी को एथनाल में तब्दील किया गया था। एकत सवाल के जवाब में खाद्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि तीन मार्च को चीनी का थोक भाव 3841 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि महीनेभर पहले यानी फरवरी में यही मूल्य 3860 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।

इसके मुकाबले चीनी का खुदरा मूल्य 41.80 रुपये प्रति किलो के मुकाबले 41.61 रुपये प्रति किलो था।किसानों के गन्ने के भुगतान के हिसाब से चीनी का वर्ष सबसे अच्छा रहा, जिसमें अधिकतम बकाया भुगतान किया गया। चालू पेराई मार्केटिंग वर्ष 2022-23 में गन्ने की कुल बकाया का 77 फीसद (69,381 करोड़ रुपये) बकाया चुकता कर चुके हैं। बकाया 15,842 करोड़ रुपये का जल्दी ही भुगतान कर दिया जाएगा।