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चीन और पाकिस्तान की बढ़ेगी टेंशन! अमेरिका से 'हंटर-किलर' ड्रोन खरीद रहा भारत; जानिए खासियत

MQ-9B Predator Drone Deal भारत ने अमेरिका से 31 हथियारबंद MQ-9B ड्रोन खरीदने के लिए बातचीत तेज कर दी है। भारत का लक्ष्य साल के अंत तक अमेरिका से इस डील को सील करने का है। यह कदम चीन और पाकिस्तान द्वारा अपनी सशस्त्र ड्रोन क्षमताओं को बढ़ाने के बीच उठाया गया है। ये ड्रोन भारत की सेना को सहायता प्रदान करेंगे और सेना की ताकत को और सशक्त बनाएगा।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 14 Aug 2024 08:40 AM (IST)
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भारत कर रहा है अमेरिका से 31 हथियारबंद MQ-9B 'हंटर-किलर' को लेकर बातचीत (फाइल फोटो)

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। MQ-9B Predator Drone Deal: चीन और पाकिस्तान दोनों ही अपनी सेना में ड्रोन को जोड़कर उसको मजबूती दे रहे हैं। वहीं भारत अमेरिका से 31 हथियारबंद MQ-9B 'हंटर-किलर' रिमोट संचालित विमानों की खरीद के लिए बातचीत में तेजी ला रहा है। भारत का लक्ष्य इस वर्ष नवंबर-दिसंबर तक इस बड़े सौदे पर हस्ताक्षर करना है।

इस सौदे को लेकर रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि 31 सशस्त्र उच्च ऊंचाई वाले, लंबे समय तक टिके रहने वाले ड्रोनों के लिए अंतर-सरकारी अनुबंध के लिए तकनीकी-व्यावसायिक चर्चाएं 'अब एक उन्नत चरण में हैं', जिसमें नौसेना के लिए 15 समुद्री रक्षक और सेना और भारतीय वायुसेना के लिए 8-8 आकाश रक्षक निर्धारित किए गए हैं।

पाकिस्तान ने चीन से मांगे16 सशस्त्र CH-4 ड्रोन

भारत यह डील ऐसे समय में अमेरिका से कर रहा है जब चीन (जो लगातार पांचवें साल पूर्वी लद्दाख में सैन्य टकराव जारी रखे हुए है) ने पाकिस्तान को अपने सशस्त्र Cai Hong-4 और Wing Loong-II ड्रोन की आपूर्ति बढ़ा दी है। एक सूत्र ने कहा, 'पाकिस्तान ने चीन से 16 और सशस्त्र CH-4 ड्रोन मांगे हैं। उसके पास पहले से ही सेना में सात और नौसेना में 3 CH-4 ड्रोन हैं।' 

यह है MQ-9B ड्रोन की खासियत 

MQ-9B रीपर या प्रीडेटर-बी ड्रोन, जिन्हें निगरानी के लिए 40,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर लगभग 40 घंटे तक उड़ान भरने के लिए डिजाइन किया गया है। यह ड्रोन सटीक हमले के लिए हेलफायर एयर-टू-ग्राउंड मिसाइलों और स्मार्ट बमों से लैस हैं। MQ-9B ड्रोन को चीनी सशस्त्र ड्रोनों से कहीं बेहतर माने जाते हैं।

चीन को कड़ी टक्कर देगी यह ड्रोन 

MQ-9B ड्रोन की परिचालन उपयोगिता को दो निहत्थे सी गार्डियन ड्रोनों (जिन्हें अमेरिकी फर्म जनरल एटॉमिक्स से पट्टे पर लिया गया है) द्वारा विशाल हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) के साथ-साथ चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर किए जा रहे व्यापक आईएसआर (खुफिया, निगरानी, ​​टोही) मिशनों द्वारा सुदृढ़ किया गया है।

33,500 करोड़ रुपये से अधिक की है यह डील

जबकि अमेरिका ने 31 हथियारबंद एमक्यू-9बी ड्रोन और संबंधित उपकरणों (जिनमें 170 हेलफायर मिसाइलें, 310 जीबीयू-39बी प्रेसिजन-गाइडेड ग्लाइड बम, नेविगेशन सिस्टम, सेंसर सूट और मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम शामिल हैं) के लिए 3.9 बिलियन डॉलर (33,500 करोड़ रुपये से अधिक) की कीमत रखी है। इस डील में भारतीय वार्ता दल लागत को कम करने के लिए काम कर रहा है।

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