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26/11 मुंबई हमलाः अगले 30 दिन में आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यापित करने की उम्मीद

अगले 30 दिनों के अंदर तहव्वुर राणा भारत को प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीद है। अमेरिका की अदालत ने पेश किए गए स्टेट्स कॉन्फ्रेंस मोशन को खारिज कर दिया है। लॉस एंजिल्स में 10 जून को 62 साल के तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया गया था।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Thu, 20 Apr 2023 03:58 PM (IST)
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तहव्वुर राणा को 30 दिन के अंदर भारत को प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीद है।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका की अदालत ने जेल में बंद व्यवसायी तहव्वुर राणा के द्वारा पेश किए गए स्टेट्स कॉन्फ्रेंस मोशन को खारिज कर दिया है। इसे खारिज करने के पीछे की वजह राणा का 2008 के मुंबई आतंकी हमले में शामिल होने को लेकर है। इसके बाद अब अगले 30 दिनों के अंदर उसे भारत को प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीद है।

कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ लॉस एंजिल्स में यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की जज जैकलीन चूलजियान ने इस मुद्दे पर आखिरी सुनवाई जून 2021 में की थी। मामले में आखिरी दलील जुलाई 2021 में दायर की गई थी। इसके बाद अदालत ने 17 अप्रैल को इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

सुनवाई के दौरान फेडरल अभियोजकों ने तर्क दिया कि राणा को पता था कि उसका बचपन का दोस्त डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) में शामिल था। साथ ही ये लोग इसके सहयोगी भी थे। राणा हेडली की सभी मीटिंग्स के बारे में जानता था, इसे पता था कि इन बैठकों में क्या चर्चाएं हुई।

कोर्ट में कहा गया कि राणा साजिश का हिस्सा था और इसे सभी हमलों के बारे में जानकारी थी, साथ ही इसने आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने का बड़ा अपराध किया है।

राणा को भारत में भगौड़ा घोषित किया गया

बता दें कि भारत के अनुरोध करने पर लॉस एंजिल्स में 10 जून को 62 साल के तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया गया था। डेविड कोलमैन हेडली का दोस्त राणा मुंबई में हुए आतंकी हमलों में शामिल था। हमलों में नाम सामने आने के बाद वह भारत से भाग निकला था। इसके बाद इसे भारत में भगौड़ा घोषित किया गया था।

2008 के मुंबई हमलों की साजिश में शामिल था राणा

तहव्वुर राणा जो कि डेविड कोलमैन हेडली का बचपन का दोस्त है। उसे लॉस एंजेलेस में गिरफ्तार किया गया था। मुंबई में हुए हमले की साजिश में राणा का नाम भी सामने आया है। साल 2008 में हुए आतंकी हमले में कुल 166 लोगों की मौत हुई थी जिसमें कुछ अमेरिकी भी शामिल थे।