टेरर फंडिंग में आइपीएस नेगी, खुर्रम परवेज को न्यायिक हिरासत में भेजा, लश्कर वर्कर को गोपनीय दस्तावेज लीक कराने का मामला
दिल्ली स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में आइपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। नेगी को गत सप्ताह आतंकी संगठन लश्कर के एक ओवर ग्राउंड वर्कर को गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Fri, 25 Feb 2022 07:53 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में आइपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। नेगी को गत सप्ताह आतंकी संगठन लश्कर के एक ओवर ग्राउंड वर्कर को गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसे सात दिनों की रिमांड में भेजा गया था।
विशेष एनआइए अदालत के न्यायाधीश परवीन सिंह ने नेगी के साथ ही कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज और अन्य दो लोगों को भी न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इन लोगों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आतंकवाद और टेरर फंडिंग से संबंधित मामले भी शामिल हैं।बता दें कि रिमांड की अवधि समाप्त हो जाने के बाद नेगी को विशेष अदालत के सामने पेश किया गया।
एजेंसी ने नए आवेदन में आरोपित मुनीर अहमद चौधरी, अरशिद अहमद तथा खुर्रम परवेज को भी हिरासत में भेजने का अनुरोध किया। एनआइए ने आरोप लगाया कि आरोपित लश्कर के ओवर ग्राउंड वर्कर के साथ काम कर रहे थे। पूरे भारत में आतंकी संगठन के लिए लोगों की भर्ती की। एजेंसी ने कहा कि जांच के दौरान दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर तथा बंगाल के कई स्थानों पर छापा मारा गया और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। इन दस्तावेजों की पड़ताल और नेगी के साथ-साथ अन्य आरोपितों के साथ पूछताछ लिए इनकी न्यायिक हिरासत आवश्यक है।