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जानिए, हिजबुल मुजाहिद्दीन का इतिहास, इसका मुखिया सैयद सलाहुद्दीन क्‍यों है विवादों में...?

युसूफ शाह सैयद उर्फ सलाहुद्दीन इस समय हिज़बुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख होने के साथ-साथ जिहाद काउंसिल का चेयरमैन भी है।

By Tilak RajEdited By: Updated: Thu, 30 Aug 2018 03:06 PM (IST)
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जानिए, हिजबुल मुजाहिद्दीन का इतिहास, इसका मुखिया सैयद सलाहुद्दीन क्‍यों है विवादों में...?
नई दिल्‍ली, जेएनएन। जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंक का दूसरा नाम हिजबुल मुजाहिद्दीन को हिज्‍ब-उल-मुजाहिद्दीन या एचएम के नाम से भी जाना जाता है, जिसका गठन 1990 के आसपास हुआ था। इसका गठन मास्टर एहसान डार ने किया था। हिजबुल मुजाहिद्दीन जम्‍मू-कश्‍मीर के सबसे बड़े और पुराने आतंकी संगठनों में से एक है। इसका मुखिया सैयद सलाहुद्दीन के नाम से जाना जाता है। इस आतंकी संगठन का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में भय का वातावरण बनाकर कश्मीर को भारत से अलग करके पाकिस्तान में उसका विलय करना है। कश्‍मीर में आतंकियों और अलगाववादियों को हुई विदेशी फंडिंग की जांच कर रही राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने गुरुवार सुबह हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन के दूसरे बेटे सैयद शकील अहमद को श्रीनगर के रामबाग इलाके में स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया है। शकील अहमद सलाहुद्दीन का दूसरा बेटा है, जिसे इस मामले में गिरफ्तार किया गया है।

हिजबुल मुजाहिद्दीन 1990 में अस्तित्व में आया, जो पाकिस्‍तान की मदद से बना था। इसके गठन के लिए एहसान डार 1988 में सीमा पार करके पाकिस्तान गया था। वर्ष बाद वहां से खूनी इरादे लिए पाकिस्तान के निर्देश पर उसने कश्मीर में प्रवेश किया। यहां उसकी योजना एक ऐसा आतंकवादी संगठन तैयार करने की थी, जिसके सदस्य कश्मीर को भारत से अलग कराने के लिए घाटी में आतंक फैलाएं। इस संगठन की स्थापना के लिए डार को मोहम्मद अब्दुल्ला नामक आतंकवादी का विशेष सहयोग मिला और डार हिजबुल मुजाहिद्दीन का प्रमुख तथा अब्दुल्ला सैनिक सलाहकार बना।

भारत में तमाम आतंकी वारदातों को अंजाम दे चुका संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन काफी बड़ा आतंकी संगठन हो गया है। यह सबसे ज्यादा खतरनाक आतंकी संगठन के रूप में उभर चुका है, जिसकी वजह से खुफिया विभाग और सुरक्षा एजेंसियों की नींदें उड़ी हुई हैं। फिर चाहे वो अल-कायदा का रिक्रूटमेंट हो या फिर आईएसआईएस की टुकड़ी, हर जगह हिजबुल मुजाहिद्दीन का ठप्‍पा आपको जरूर मिलेगा। भारत में कई आतंकी घटनाओं के पीछे हिजबुल मुजाहिद्दीन का ही हाथ था। जम्‍मू-कश्‍मीर में अप्रैल 2014 में हुए बम धमाकों में 17 लोगों की जान चली गई थी, ये हमला हिजबुल मुजादिन ने भी कराया था। हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी अपने आप को फ्रीडम फाइटर मानते हैं।

कौन है यूसुफ शाह सैयद उर्फ सैयद सलाहुद्दीन

युसूफ शाह सैयद उर्फ सलाहुद्दीन इस समय हिज़बुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख होने के साथ-साथ जिहाद काउंसिल का चेयरमैन भी है। सलाहुद्दीन मूल रूप से जम्‍मू-कश्‍मीर के बडगाम का रहने वाला है। उसका जन्‍म 18 फरवरी 1946 को बडगाम में ही हुआ था। वह साल 1987 में जम्‍मू-कश्‍मीर में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है, लेकिन जीत उसके हाथ नहीं लग पाई। 71 साल का सलाउद्दीन पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर में रहता है। अमेरिका ने सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित कर दिया। सलाहुद्दीन कश्मीर में आतंक फैला रहा है और वो इसलिए आतंकियों को ट्रेनिंग देता है। सैयद सलाहुद्दीन कभी पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में रहता है तो कभी पाकिस्तान में। वहीं से वो जम्मू और कश्मीर में आतंक की आग भड़काता रहता है। वह हिंदुस्तान के खिलाफ जहर उगलता है लेकिन बता दें कि उसकी पत्नी हिंदुस्तान में ही रहती है। सलाउद्दीन के पांच बेटे और दो बेटी है, उसके सारे बच्चे अच्छी नौकरी में है।