एक नजर में जानें पुलवामा में कब-कब हुए आतंकी हमले
पूरे राज्य की तरह पुलवामा जिले में भी सुरक्षाबल हमेशा से ही आतंकियों के निशाने पर रहे हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि पुलवामा में इस वर्ष में हुआ ये पहला हमला है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 14 Feb 2019 05:38 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। जम्मू कश्मीर का पुलवामा जिला गुरुवार को हुए आतंकी हमले में एक बार फिर से दहल गया। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के मारे जाने की खबर है। आतंकियों ने जवानों के काफिले पर आईईडी धमाका कर यह हमला किया था। पुलवामा बारामुला से करीब सौ किमी की दूरी पर स्थित है। बारामुला को 24 जनवरी 2018 को आतंकी मुक्त जिला घोषित किया गया था।
इसके अलावा बारामुला श्रीनगर से महज 40 किमी की दूरी पर स्थित है। इस जिले में आठ तहसील आती हैं जिसमें पुलवामा, त्राल, अवंतिपुरा, पंपोर, राजपोरा, लितर, काकापोरा और अरीपाल आती हैं। जहां तक यहां पर आतंकी हमले की बात है तो पूरे राज्य की तरह इस जिले में भी सुरक्षाबल हमेशा से ही निशाने पर रहे हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि पुलवामा में इस वर्ष में हुआ ये पहला हमला है।बीते तीन वर्षों में पुलवामा में हुए आतंकी हमले
- जुलाई 2018 में आतंकियों ने नेशनल कांफ्रेंस के लीडर के घर के बार बनी एक पुलिस पोस्ट पर हमला किया था। इस हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई्र थी जब एक अन्य घायल हो गया था।
- मई 2018 में रमजान के माह में इस जिले के काकापोरा में स्थित आर्मी कैंप पर हमला किया था। इसमें एक जवान शहीद हो गया था। आमने सामने की फायरिंग के दौरान इस हमले में एक नागरिक भी मारा गया था। यह हमला उस वक्त किया गया जब रमजान के मौके पर सरकार ने सीजफायर का एलान किया था।
- सितंबर 2016 में आतंकियों ने एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। इस हमले में एक आतंकी को मार गिराया गया था।
- जुलाई 2016 में सीआरपीएफ कैंप पर हुए एक आतंकी हमले में चार सीआरपीएफ के जवान घायल हो गए थे। सीआरपीएफ का यह कैंप लितर में स्थित है। इसके अलावा बोनेरा में भी आतंकियों ने सीआरपीएफ पर हमला किया था।
- मई 2016 में नेशनल कांफ्रेंस के लीडर पर हमले के दौरान एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी।
- अगस्त 2016 में आतंकियों ने अवंतिपुरा एयरफोर्स बेस के कुछ दूरी पर हुए आतंकी हमले में दो बीएसएफ के जवान शहीद हो गए थे। आतंकियों ने यह हमला उस वक्त किया गया जब एयरफोर्स स्टेशन पर मौजूद जवानों की अदला-बदली चल रही थी।
- मार्च 2016 में हुए आतंकी हमले में सेना ने जैश ए मोहम्मद के दो आतंकियों को मार गिराया था।