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आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश में कैसे सामने आया रॉ के पूर्व एजेंट का नाम? अमेरिकी एजेंसी FBI ने बनाया है आरोपी

अमेरिकी एजेंसी एफबीआई ने भारत में वांटेड घोषित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नु की हत्या की साजिश रचने के मामले में रॉ के पूर्व एजेंट को आरोपी बनाया है। अमेरिका ने पूर्व एजेंट का पूरा ब्यौरा भी जारी किया है जिसमें उनका हरियाणा कनेक्शन निकलकर सामने आया है। इस पूरे मामले की जांच के लिए भारत ने दो सदस्यीय दल को हाल ही में अमेरिका भेजा था।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 18 Oct 2024 09:51 PM (IST)
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एफबीआई ने विकास यादव को मामले में आरोपी बनाया है। (Photo- Reuters)
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। खालिस्तान समर्थक आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नु की हत्या की साजिश रचने के मामले में अमेरिकी सरकार ने भारत सरकार के एक पूर्व कर्मचारी विकास यादव को आरोपी बनाया है। अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (एफबीआई) ने गुरुवार को भारत के खुफिया एजेंसी में कुछ दिन पहले तक कार्यरत विकास यादव का पूरा ब्यौरा जारी किया है और यादव पर भाड़े के हत्यारे से हत्या करवाने की साजिश रचने और गैर-कानूनी तरीके से पैसे को एक देश से दूसरे देश में भेजने के अपराध में आरोपी किया है।

उल्लेखनीय बात यह है कि जिस पन्नु की हत्या की साजिश रचने की इतनी जांच अमेरिकी एजेंसियां कर रही है, उसके खिलाफ वर्ष 2019 में भी भारत की जांच एजेंसी एनआईए ने एफआईआर दायर किया था और उसे मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में शामिल किया था। पन्नु के पास कनाडा व अमेरिका की दोहरी नागरिकता है और वहां से वह खुलेआम भारत विरोधी गतिविधियों को चलाता है।

(एफबीआई ने वांडेट पेज पर डाला विकास यादव का नाम। Photo Source: Reuters)

भारत ने भेजा था दो सदस्यीय दल

पूर्व में कई बार वह भारतीय नेताओं और विमानों पर हमले करने की धमकी भी दे चुका है। एफबीआई ने यह कदम तब उठाया है, जब इस पूरे मामले की जांच के लिए भारत ने एक दो सदस्यीय दल हाल ही में अमेरिका भेजी थी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी भारत की तरफ से की जा रही जांच पर संतोष जताया था। भारत के विदेश मंत्रालय ने एक दिन पहले ही यह स्वीकार किया था कि पन्नु की हत्या की साजिश में शामिल भारत सरकार के एक कर्मचारी को निष्कासित कर दिया गया है।

विकास यादव नाम के इस कर्मचारी का नाम भारत सरकार ने सार्वजनिक नहीं किया था। अमेरिका की न्याय विभाग ने इस बारे में विस्तार से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। इसके मुताबिक विकास यादव का नाम चेक रिपब्लिक से पकड़े गये 53 वर्षीय भारतीय निखिल गुप्ता ने बताया है। निखिल गुप्ता ने ही अमेरिका में पन्नु के मारने के लिए स्थानीय तौर पर संपर्क किया था।

(एफबीआई की ओर से जारी विकास यादव की तस्वीर। Source: Reuters)

एफबीआई के एजेंट से किया था संपर्क

गुप्ता ने जिन लोगों से संपर्क किया था वह भेष बदले हुए एफबीआई के एजेंट ही थे। प्रेस रिलीज में विकास यादव की आयु 39 वर्ष और जन्म स्थान-प्रानपुरा, हरियाणा, भारत बताया गया है, जो भारत की खुफिया एजेंसी रॉ में कार्यरत है। साथ ही पूर्व में यादव के भारत की सीआरपीएफ में भी कार्यरत होने की बात कही गई है।

अमेरिकी न्याय विभाग का यह कदम भारत और अमेरिका के पहले से ही इस मुद्दे पर असहज हो चुके रिश्तों को और असहज कर सकता है। यह घटनाक्रम तब हो रहा है, जब इसी तरह से जुड़े एक अन्य मामले में भारत के रिश्ते कनाडा के साथ बेहद खराब हो चुके हैं। कनाडा का आरोप है कि भारतीय एजेंसियों ने उसके नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करवाई है।

कनाडा ने नहीं दिए कोई सबूत

हालांकि, कनाडा ने एक भी सबूत आज तक नहीं दिए गए हैं और इस मुद्दे को पीएम जस्टिन ट्रुडो अपने राजनीतिक लाभ के लिए उठा रहे हैं। बहरहाल, सवाल यह है कि क्या भारत व अमेरिका के रिश्ते भी उसी तरह से प्रभावित होंगे जैसे कि कनाडा और भारत के हुए हैं? भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रिश्ते पिछले 10-12 वर्षों में सबसे मजबूत हुए हैं। आज की तारीख में अमेरिका भारत को अपना सबसे करीबी व महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार मानता है।

दोनों देश चीन को अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी मानते हैं। दोनों देशों के बीच अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लेकर ऊर्जा तक और टैंक निर्माण से लेकर युद्धक विमान बनाने तक के क्षेत्र में गहरे समझौते की नींव रखी जा चुकी है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि भारत व अमेरिका के द्विपक्षीय रिश्तों को कुछ धक्का जरूर लग सकता है, लेकिन दीर्घकालिक तौर पर कोई असर होने की संभावना कम है।