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यूट्यूब से सीखकर लगाई थी नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री, शेयर बाजार में भी किया था आरोपित ने निवेश

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को दो आरोपितों को गिरफ्तार कर नकली सिक्कों के निर्माण और आपूर्ति में लिप्त अंतरराज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ किया था। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान शाहदरा निवासी आकाश व इंदौर मध्यप्रदेश निवासी सर्वेश यादव के रूप में हुई थी। दोनो की निशानदेही पर मंडोली शाहदरा इलाके में नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री भी पकड़ी गई थी।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Thu, 28 Mar 2024 04:00 AM (IST)
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गिरफ्तार आरोपितों की पहचान शाहदरा निवासी आकाश व इंदौर मध्यप्रदेश निवासी सर्वेश यादव के रूप में हुई थी।
मनीष राणा, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को दो आरोपितों को गिरफ्तार कर नकली सिक्कों के निर्माण और आपूर्ति में लिप्त अंतरराज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ किया था। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान शाहदरा निवासी आकाश व इंदौर मध्य प्रदेश निवासी सर्वेश यादव के रूप में हुई थी। दोनों की निशानदेही पर मंडोली, शाहदरा इलाके में नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री भी पकड़ी गई थी।

जांच में सामने आया है कि आरोपित आकाश ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर सिक्के बनाना सीखा था और उसके बाद दिसम्बर 2022 में मंडोली में सिक्का ढालने की फैक्ट्री लगाई थी। स्पेशल सेल के डीसीपी मनोज सी ने बताया कि आरोपित आकाश ने 2016 में डीयू से पत्राचार से बी.कॉम किया। इसके बाद वेलकम इलाके में फोटोकॉपी की दुकान पर काम करने लगा। 2019 में एक थर्ड पार्टी बीमा फर्म मे काम शुरू किया, जहां उसे कमीशन सहित प्रतिमाह 40,000 रुपये मिल जाते थे।

बीमा कंपनी के काम करते हुए उसने शेयर बाजार और आसान पैसा कमाने के अन्य तरीकों के बारे में किताबें पढ़ीं और यूट्यूब पर वीडियो देखीं। कुछ समय बाद इंश्योरेंस की नौकरी छोड़ दी और आसानी से पैसा कमाने के लिए पांच लाख रुपये का शेयर बाजार में निवेश किया, मगर घाटा हुआ। क्योंकि वह आसानी से पैसा कमाना चाहता था, इसलिए उसने नकली सिक्के बनाना शुरू किया। सिक्के बनाने की प्रकिया के वीडियो उसने यूट्यूब पर देखे।

दिसम्बर 2022 में उसने मंडोली में सिक्का ढालने की फैक्ट्री लगाई, जिसके लिए उसने एक हाइड्रोलिक मशीन, कटिंग मशीन, एक हाइड्रोलिक प्रिंटिंग मशीन, एक फाइबर लेजर मशीन (डाई) खरीदी। इसके बाद उसने क्षेत्र के एक स्क्रैप डीलर से लगभग 500 किलोग्राम की एमएस (आयरन) शीट भी खरीदी और 20 रुपये मूल्य के नकली सिक्के बनाना शुरू कर दिया। उसने 18 से 20 लाख रुपये मूल्य के लगभग 90 हजार से एक लाख नकली सिक्के बनाए हैं। इन नकली सिक्कों की उसने एनसीआर सहित, राजस्थान और मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आपूर्ति की।

टैक्सी का बीमा कराने के लिए आकाश के संपर्क में आया था सर्वेशइंदौर, मध्य प्रदेश के निवासी सर्वेश यादव ने 2019 में ओला और उबर टैक्सी चलाना शुरू किया था। बाद में वह मुंबई में जाकर टैक्सी चलाने लगा। सर्वेश को जब 2020 में अपनी टैक्सी का बीमा कराना था, तब वह एक सामान्य संपर्क के माध्यम से आकाश के संपर्क में आया था। इसके बाद दोनो फोन पर नियमित संपर्क में थे। सर्वेश भी आसानी से पैसा कमाने की तलाश में था और इस संबंध में उसकी आकाश से चर्चा भी हुर्ह थी।

आकाश ने जनवरी 2024 में सर्वेश को फोन कर बताया कि उसके पास 20 रुपये के नकली सिक्के हैं, जो कम पैसों में उसे मिल सकते हैं। आकाश ने कोरियर के माध्यम से 20 रुपये के पांच नकली सिक्के दिल्ली से इंदौर भेजे थे, जिन्हें सर्वेश ने आसानी से स्थानीय बाजार में चला दिया। इसके बाद कई खेप लेकर उसने मंगाई और स्थानीय बाजार में खपा दी। 23 फरवरी को भी सर्वेश नकली सिक्कों की एक अन्य खेप लेने आया था मगर खेप लेकर जाने से पहले ही आकाश और सर्वेश दोनों बुराड़ी में एक लाख रुपये के नकली 20 के सिक्कों के साथ पकड़े गए। स्पेशल सेल आरोपितों से आगे की पूछताछ कर रही है।