Move to Jagran APP

केंद्र सरकार ने DNA टेक्नोलॉजी बिल वापस लिया, सरकार ने तीन नए विधेयक भी किए पेश

सरकार ने सोमवार को DNA प्रौद्योगिकी विधेयक 2019 लोकसभा से वापस ले लिया है। 8 जुलाई 2019 को तत्कालीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने लोकसभा में यह विधेयक पेश किया था। सरकार ने सोमवार को तीन नए विधेयक भी पेश किए। छत्तीसगढ़ के 2 समुदायों को SC सूची में शामिल करने के लिए विधेयक राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक राष्ट्रीय नर्सिंग मिडवाइफरी आयोग विधेयक 2023 शामिल हैं।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Tue, 25 Jul 2023 05:11 AM (IST)
Hero Image
National News Latest: केंद्र सरकार ने DNA टेक्नॉलजी बिल वापस लिया
नई दिल्ली, एएनआइ। सरकार ने सोमवार को डीएनए प्रौद्योगिकी विधेयक, 2019 लोकसभा से वापस ले लिया है। आठ जुलाई 2019 को तत्कालीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, हर्षवर्धन ने लोकसभा में यह विधेयक पेश किया था।

सरकार ने सोमवार को तीन नए विधेयक भी पेश किए। इनमें छत्तीसगढ़ के दो समुदायों को एससी सूची में शामिल करने के लिए विधेयक, राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक और राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023 शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के 'महरा' और 'महारा' समुदायों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने के लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने लोकसभा में संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया।

भारत के रजिस्ट्रार जनरल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने प्रस्तावित संशोधन पर सहमति व्यक्त की है। लेकिन अनुसूचित जाति की सूची में नए समुदायों का नाम जोड़ने के लिए संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 में संशोधन करना आवश्यक है। इसलिए यह विधेयक पेश किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में राष्ट्रीय नर्सिंग एवं मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023 और राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023 पेश किए।

राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक में दंत चिकित्सक अधिनियम, 1948 को निरस्त करने का प्रविधान है। इस विधेयक में देश में दंत चिकित्सा शिक्षा के लिए राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग (एनएमसी) स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य दंत चिकित्सा शिक्षा को किफायती बनाना है।राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक 2023 का उद्देश्य भारतीय नर्सिंग परिषद अधिनियम, 1947 को निरस्त करना और राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग (एनएनएमसी) की स्थापना करना है। प्रसव में मददगार दाई के काम को मिडवाइफरी कहा जाता है