Move to Jagran APP

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे राज्य के लोगों के लिए राहत भरी खबर, इस साल हो सकते हैं Election

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव मौसम और सुरक्षा चिंताओं सहित विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मौसम को ध्यान में रखते हुए और अन्य सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए जम्मू कश्मीर में चुनाव जरूर होंगे।

By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 18 Jan 2023 09:32 PM (IST)
Hero Image
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने बताया कि जम्मू कश्मीर में कब होंगे चुनाव।
नई दिल्ली, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में परिसीमन का काम पूरा होने के बाद से ही विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे राज्य के लोगों के लिए यह राहत भरी खबर हो सकती है। चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में जल्द ही चुनाव कराने के संकेत दिए हैं। उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों के चुनाव कार्यक्रमों के ऐलान के मौके पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि परिसीमन के बाद चुनाव से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर निर्वाचन अधिकारियों की तैनाती हो चुकी है। जल्द ही सुरक्षा और मौसम की स्थिति के आधार पर चुनाव से जुड़ी पूरी योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। माना जा रहा है कि आयोग ने जिस तरह से मौसम के आधार पर चुनाव कराने के संकेत दिए हैं, उससे साफ है कि राज्य में अक्टूबर से पहले यह चुनाव हो सकते हैं।

एक संवाददाता के सवाल पर राजीव कुमार ने जवाब देते हुए कहा, 'हमें मालूम है किन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव लंबित हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनी हुई सरकार हो।' राजीव कुमार ने आगे कहा कि पुनर्व्यवस्थित और नए निर्वाचन क्षेत्रों में रिटर्निंग ऑफिसर और अतिरिक्त चुनावी पंजीकरण अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।

तीन साल के अंतराल के बाद मतदाता सूची का किया गया पुनरीक्षण

उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि सभी प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, वे (चुनाव) अवश्य होने चाहिए। जम्मू और कश्मीर के अंतिम मतदाता सूची को पिछले साल 25 नवंबर को प्रकाशित किया गया था। बता दें कि साल 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया गया था और तत्कालीन राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। करीब तीन साल के अंतराल के बाद मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया गया।

निर्वाचन क्षेत्रों को फिर से किया गया तैयार

अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद मतदाता सूची को अद्यतन नहीं किया जा सका। यह अंतिम बार 1 जनवरी, 2019 को योग्यता तिथि के रूप में किया गया था। इसके बाद, परिसीमन अभ्यास के बाद निर्वाचन क्षेत्रों को फिर से तैयार किया गया। परिसीमन अभ्यास के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को आवंटित सीटों को छोड़कर, केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई है।

यह भी पढ़ें: Bypolls 2023: महाराष्ट्र में 2 और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में 1 सीट पर होंगे उपचुनाव, दो मार्च को आएंगे नतीजे