महिला के हाथ में होगी मानवयुक्त गगनयान मिशन की कमान, इसरो प्रमुख ने कहा- लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पायलट को प्राथमिकता
मानवयुक्त गगनयान मिशन की कमान किसी महिला के हाथ में होगी। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पायलट या महिला विज्ञानी को प्राथमिकता दी जाएगी। अगले साल मानव रोबोट को लेकर गगनयान अंतरिक्ष में जाएगा। मानवयुक्त मिशन 2025 तक संभव होगा। यह छोटी अवधि का मिशन होगा।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 22 Oct 2023 09:41 PM (IST)
तिरुअनंतपुरम, पीटीआई। भविष्य में यदि सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो इसरो के मानवयुक्त अंतरिक्ष गगनयान मिशन को लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिला पायलट लेकर जाएंगी। यह भी संभव है कि किसी महिला विज्ञानी के साथ गगनयान उड़ान भरे। मगर इतना तय है कि मिशन गगनयान में महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी। इस बात के संकेत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस. सोमनाथ ने रविवार को स्वयं दिए हैं।
महिला विज्ञानियों को दी जाएगी प्राथमिकता
सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी बहुप्रतीक्षित मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान मिशन के लिए लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिला पायलटों या महिला विज्ञानियों को प्राथमिकता देती है और भविष्य में उन्हें भेजना संभव होगा। उन्होंने कहा कि इसरो अगले साल अपने मानव रहित गगनयान अंतरिक्ष यान में एक महिला ह्यूमनाइड (रोबोट जो मानव जैसा दिखता है) भेजेगा।
छोटी अवधि का मिशन होगा गगनयान
सोमनाथ ने कहा कि इसरो का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमें भविष्य में ऐसी संभावित महिला उम्मीदवारों का पता लगाना होगा। मानवयुक्त मिशन 2025 तक आने की उम्मीद है और यह एक छोटी अवधि का मिशन होगा।यह भी पढ़ें: गगनयान मिशन का ट्रायल सफल होने के बाद ISRO चीफ ने दी खुशखबरी, समुद्र से रिकवर किया गया क्रू मॉड्यूल
'हमारे पास अभी महिला पायलट नहीं हैं'
इसरो प्रमुख ने कहा कि अभी प्रारंभिक उम्मीदवार वायुसेना के लड़ाकू विमानों के पायलटों में से होंगे। वे थोड़ी अलग श्रेणी के हैं। हमारे पास अभी महिला पायलट नहीं हैं। इसलिए जब वे आ जाएंगी तो एक तरीका यह होगा कि महिला मानवयुक्त गगनयान मिशन की कमान संभाले।' उन्होंने कहा कि जब अधिक वैज्ञानिक गतिविधियां होंगी और फिर वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्री बनकर जाएंगे तो उस वक्त मेरा मानना है कि महिलाओं के लिए ज्यादा संभावनाएं हैं।यह भी पढ़ें: Mission Gaganyaan : इसरो के पूर्व अध्यक्ष बोले- Test Vehicle D1 Mission की सफल लॉन्चिंग भारत के लिए मील का पत्थर