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Waqf Bill: वक्फ विधेयक पर आम जनता से मांगा गया सुझाव, मगर सिर्फ 15 दिनों का वक्त; आप भी ऐसे भेजे अपनी राय

वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति ने शुक्रवार को दूसरी बैठक की। बैठक में कई मुस्लिम संगठनों के साथ समिति ने विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। समिति का कहना है कि वह हर मुस्लिम संगठन से विधेयक पर राय जानेगी। इसके अलावा विज्ञापन जारी करके आम जनता से भी सुझाव मांगे गए हैं। बता दें कि आठ अगस्त को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया गया था।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 30 Aug 2024 10:03 PM (IST)
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वक्फ संशोधन विधेयक पर आम जनता से मांगा गया सुझाव।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक पर गठित संसद की संयुक्त समिति ने शुक्रवार को फिर अपनी बैठक की। समिति ने दूसरी बैठक में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल सहित उत्तर प्रदेश, राजस्थान के वक्फ बोर्ड व कुछ मुस्लिम संगठनों को भी बैठक में चर्चा के लिए बुलाया था। विधेयक पर इन सभी की राय जानी गई। इसके साथ ही समिति ने एक विज्ञापन जारी कर विधेयक पर आम लोगों, गैर-सरकारी संगठनों व विशेषज्ञों से भी सुझाव मांगा है।

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सभी की राय जानेगी समिति: पाल

इस बीच समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि समिति देशभर के सभी मुस्लिम संगठनों व वक्फ बोर्डों के साथ विधेयक पर चर्चा करेगी और उनकी राय जानेगी। वह एक-एक करके सभी को बैठक में बुलाएगी।

दिनभर विधेयक पर चली चर्चा

शुक्रवार को समिति ने जिन मुस्लिम संगठनों के साथ विधेयक पर चर्चा की, उनमें ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल, ऑल इंडिया मुस्लिम सिविल लिबर्टीज के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश व राजस्थान वक्फ बोर्ड शामिल हैं। करीब दिनभर चली चर्चा में समिति ने विधेयक से जुड़े प्रत्येक पहलुओं पर उनकी राय जानी। इस दौरान उनकी राय को रिकॉर्ड में भी लिया गया।

15 दिनों में राय दे सकते हैं आम लोग

वहीं दूसरी ओर समिति ने आम लोगों, गैर-सरकारी संगठनों व विशेषज्ञों से विज्ञापन जारी होने के 15 दिनों के भीतर अपनी राय देने का कहा है। इसे दो प्रतियों में अंग्रेजी और हिंदी में लोकसभा सचिवालय के पते पर भेजने या फिर ईमेल करने को कहा गया है। समिति ने कहा है कि आम लोगों के सुझाव अभिलेख का हिस्सा होंगे और उन्हें गोपनीय दस्तावेज माना जाएगा।

समिति के सामने पेश होकर भी दे सकेंगे राय

अगर कोई समिति के सामने उपस्थित होकर अपनी राय देना चाहता है तो वह पत्र या ईमेल के जरिये इसके लिए अनुरोध कर सकता है। हालांकि उन्हें बुलाने का निर्णय समिति का होगा। गौरतलब है कि वक्फ संशोधन विधेयक को देशभर में फैली वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया में सुधार की दिशा में अहम पहल माना जा रहा है।

आठ अगस्त को पेश किया गया विधेयक

विधेयक में मुस्लिम महिलाओं व गैर-मुस्लिम प्रतिनिधियों को राज्य वक्फ बोर्डों में भी प्रतिनिधित्व देने, केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना व जिलाधिकारी को किसी संपत्ति को वक्फ में दर्ज करने के लिए नामित अधिकारी बनाना शामिल है। विधेयक को आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था। गरमागरम बहस के बाद इसे संसद की संयुक्त समिति को भेज दिया गया था।

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