Revised Criminal Law Bills: फांसी की सजा पाया दोषी दया याचिका खारिज करने के निर्णय को कोर्ट में नहीं दे सकेगा चुनौती
देश में आपराधिक कानून बदलने वाला है। नया कानून संसद से पारित हो चुका है और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू हो जाएगा। नये कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 472 कहती है कि दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति या राज्यपाल के निर्णय के खिलाफ किसी अदालत में अपील नहीं होगी। नये कानून में दया याचिका दाखिल करने की समय सीमा भी तय की गई है।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। देश में आपराधिक कानून बदलने वाला है। नया कानून संसद से पारित हो चुका है और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू हो जाएगा। नये कानून लागू होने के बाद आपराधिक न्याय प्रणाली में काफी बदलाव आएंगे उनमें से एक यह भी है कि फांसी की सजा पाया दोषी राष्ट्रपति या राज्यपाल के दया याचिका खारिज करने के निर्णय को अदालत में चुनौती नहीं दे पाएगा।
कौन दाखिल कर सकता है दया याचिका?
नये कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 472 कहती है कि दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति या राज्यपाल के निर्णय के खिलाफ किसी अदालत में अपील नहीं होगी। यानी सीधा मतलब है कि आदेश को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती। इतना ही नहीं नये कानून के मुताबिक, कोई तीसरा पक्ष दया याचिका दाखिल नहीं कर सकता।
कानून कहता है कि दया याचिका दोषी, उसका कानूनी उत्तराधिकारी या कोई रिश्तेदार ही दाखिल कर सकता है। इसका मतलब है कि किसी दोषी की सजा माफ कराने के लिए कोई तीसरा पक्ष दया याचिका नहीं दाखिल कर सकता, जबकि मौजूदा कानून में ऐसी कोई शर्त नहीं है।
नये कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की ये दोनों ही व्यवस्थाएं नई हैं, क्योंकि इससे पहले बहुत बार फांसी की सजा पाए दोषी दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुके हैं, इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं पर विचार किया और पूरे मामले के विश्वेषण के बाद मौत की सजा को उम्रकैद में भी तब्दील किया।
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शत्रुघन चौहान बनाम भारत सरकार मामला
इस संबंध में शत्रुघन चौहान बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट का 21 जनवरी, 2014 का फैसला उल्लेखनीय है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने मृत्युदंड के मामले में गाइड लाइन तय की हैं। उस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका निपटाने में अनुचित देरी के आधार पर 15 दोषियों की मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी थी।