गोवा के राज्यपाल बोले- 450 साल पुराने राजभवन में जनता का भी हो स्वागत, इस मामले पर केंद्र सरकार से होगी बातचीत
राजभवन का निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ है। यह महल अरब सागर के अलावा जुआरी और मंडोवी नदियों की ओर मुख वाली एक चट्टान के ऊपर खड़ा है। गौरतलब है कि यह पुर्तगाली काल से राज्यपाल का घर रहा है।
By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 15 Mar 2023 01:34 AM (IST)
पणजी, पीटीआइ। गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई ने कहा है कि उन्हें राजभवन की 450 साल पुरानी विरासत संरचना को तोड़ने में काई आपत्ति नहीं है। राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई ने राजभवन को जनता के लिए खेलने की वकालत की है।
उन्होंने कहा कि उन्हें राजभवन की 450 साल पुरानी विरासत संरचना को तोड़ने में काई आपत्ति नहीं है। पी एस श्रीधरन पिल्लई लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस ऐतिहासिक परिस (राजभवन) को जनता के दर्शन के लिए खोला जाना चाहिए।
जनता को राजभवन जाने की अनुमति दी जानी चाहिए: राज्यपाल
बता दें कि राजभवन का निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ है। यह महल अरब सागर के अलावा जुआरी और मंडोवी नदियों की ओर मुख वाली एक चट्टान के ऊपर खड़ा है। गौरतलब है कि यह पुर्तगाली काल से राज्यपाल का घर रहा है।समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए राज्यपाल पिल्लई ने कहा कि एक लोक सेवक के रूप में उन्हें हमेशा लगता है कि जनता को राजभवन जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
गोवा सरकार और केंद्र सरकार के साथ इस विषय पर होगी चर्चा
उन्होंने कहा, 'फिलहाल कानूनी औपचारिकताओं का पालन करके जनता को (वर्तमान में) अनुमति नहीं दी जा सकती है। हालांकि, इस मामले को लेकर मैं उच्च अधिकारियों, गोवा सरकार और केंद्र सरकार के साथ चर्चा करने के बाद प्रस्ताव तैयार करूंगा।'उन्होंने कहा कि अगर प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है, तो लोग राजभवन तक पहुंच सकते हैं, जबकि सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल यथावत रहेंगे। राज्यपाल ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वह अपने निवास को किसी निकटवर्ती स्थान पर स्थानांतरित करने का भी प्रस्ताव रखेंगे।