Civil Service Day 2023: ब्रिटिश राज से जुड़ा हुआ है सिविल सर्विस का इतिहास, लंदन में होता था एग्जाम
भारत में सिविल परीक्षा की शुरुआत ब्रिटिश हुकूमत ने की थी। लॉर्ड कार्नवालिस को भारतीय सिविल सेवा के जनक के रूप में देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने ही भारत में सिविल सेवाओं में सुधार और आधुनिकीकरण किया था।
By Jagran News NetworkEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Thu, 20 Apr 2023 01:49 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। देश में हर साल 21 अप्रैल को सिविल सर्विस डे मनाया जाता है। देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक इंडियन सिविल सर्विस परीक्षा में हर साल 10 से 15 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंग्रेजों ने भारतीयों को खुद साबित करने के लिए ये परीक्षा रखी थी। उस वक्त परीक्षा भी लंदन में हुआ करती थी।
करीब 170 साल पहले की बात है। उस वक्त भारत अंग्रेजों के अधीन था। अधिकारी वर्ग के सभी पदों पर गोरे पदस्थ थे और भारतीयों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इन कठिनाइयों के बीच भारतीयों ने इसका विरोध किया।
जिसके बाद ब्रिटिश हुकूमत ने चतुराई के साथ परीक्षा में भारतीयों को मौका तो दिया लेकिन एग्जाम का सिलेबस इंग्लिश में तैयार किया जाता था। इसकी वजह से भारतीय उम्मीदवारों के लिए इसे क्रैक करना काफी मुश्किल हो जाता था। एग्जाम में सबसे अधिक नंबर यूरोपियन क्लासिकी के होने की वजह से भारतीयों को अधिक परेशानी होती थी।
1922 में पहली बार भारत में किस जगह हुई पहली परीक्षा?
भारतीय उम्मीदवारों ने परीक्षा को अगले 50 सालों तक भारत में करवाने की मांग भी की थी, ये मांग साल 1922 में जाकर पूरी हुई थी। पहले विश्व युद्ध के बाद साल 1922 में सिविल सेवा परीक्षा की शुरुआत भारत में की गई थी। ये सबसे पहले इलाहाबाद में की गई।
फिर इसके बाद 1935 में संघीय लोक सेवा आयोग (UPSC) के गठन के बाद ये परीक्षा दिल्ली में करवाई जाने लगी। भारतीय संविधान के अनुसार, साल 1950 में संघीय लोक सेवा आयोग को संघ लोक सेवा आयोग के रूप में स्थापित किया गया। इसके बाद ही हर साल इस परीक्षा का आयोजन किया जाने लगा।
अंग्रेजों के समय में शुरू की गई सिविल सेवा
लॉर्ड कार्नवालिस को भारतीय सिविल सेवा के जनक के रूप में देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने ही भारत में सिविल सेवाओं में सुधार और आधुनिकीकरण किया था। 1947 से पहले इस सेवा को भारतीय सिविल सेवा को इंपीरियल सिविल सर्विस (ICS) के नाम से जाना जाता था। वहीं देश के पहले ICS अधिकारी सत्येंद्रनाथ टैगोर रहे थे। सत्येंद्रनाथ टैगोर, रविंद्रनाथ टैगोर के ही भाई थे।
इंपीरियल सिविल सर्विस के लिए चुने गए भारतीय सत्येंद्रनाथ टैगोर से पहले हमेशा ही अंग्रेजों का चयन किया जाता था। साल 1833 में डिप्टी मजिस्ट्रेट और डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट पर भी भारतीयों को चयन के लिए इजाजत दी गई।कार्नवालिस ने भारतीय सिविल सेवा की अनुबंधित और गैर अनुबंधित शाखाओं की स्थापना की थी। लॉर्ड कार्नवालिस ने भारत के ब्रिटिश गवर्नर-जनरल के रूप में काम किया, साथ ही वे एक ब्रिटिश सैनिक और राजनेता भी रहे हैं। साल 1786 में उन्होंने औपचारिक रूप से भारत के गवर्नर-जनरल के पद को स्वीकार कर लिया था।
लंदन में ही क्यों होती थी सिविल परीक्षा?
इस समय मेरिट बेस्ड सिविल सिस्टम लागू होने की बात कही गई थी। जिसे ध्यान में रखते हुए साल 1854 में लंदन में सिविल सेवा आयोग की स्थापना हुई और ठीक एक साल बाद पहली सिविल सिर्विस परीक्षा रखी गई। इस समय पर सिविल सर्विस की परीक्षा भारत में नहीं बल्कि लंदन में करवाई जाती थी।पहले की गाइडलाइन्स कैसे अलग थीं?
इस दौरान परीक्षा को लेकर कुछ खास गाइडलाइन्स थीं। परीक्षा देने के लिए भारत में कम से कम सात साल तक रहने वाले भारतीय या यूरोपीय ही एग्जाम दे सकते थे। साथ ही उम्मीदवार को उस ही जिले की भाषा में परीक्षा देनी होती थी जहां उसे आगे काम करना होता था। फिर उम्मीदवार की उम्र 18 साल से 23 साल के बीच में होना भी जरूरी होता था। इसके अलावा इसमें एक घुड़सवारी का भी एग्जाम होता था, जिसे किसी भी उम्मीदवार के लिए पास करना सबसे जरूरी होता था।21 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है सिविल सर्विस सेवा दिवस?
भारत में सिविल सर्विस सेवा दिवस को 21 अप्रैल को ही इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि ये वहीं दिन था जब भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने नव नियुक्ति प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को संबोधित किया था। साल 1947 में दिल्ली के मेटकाफ हाउस में इस कार्यक्रम को रखा गया था।इस समय इन सर्विस के लिए होती है परीक्षा
ऐसा अनुमान है कि भारत में हर साल करीब 10 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं। परीक्षा देने के लिए उम्मीदवार करीब एक साल की मेहनत करता है। अगर अभी और नई सर्विस की बात की जाए तो भारत में इस समय नीचे दी गई इन सभी सर्विस के लिए एग्जाम होते हैं।- भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS)
- भारतीय पुलिस सेवा (IPS)
- भारतीय विदेश सेवा (IFS)
- इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स सर्विस, ग्रुप ए
- इंडियन सिविल अकाउंट्स सर्विस, ग्रुप ए
- इंडियन डिफेंस अकाउंट्स सर्विस, ग्रुप ए
- इंडियन कॉर्पोरेट लॉ सर्विस, ग्रुप ए
- इंडियन डिफेंस एस्टेट्स सर्विस, ग्रुप ए
- इंडियन इनफॉर्मेशन सर्विस, ग्रुप ए
- इंडियन पोस्टल सर्विस, ग्रुप ए
- इंडियन पी एंड टी अकाउंट्स एंड फाइनांस सर्विस, ग्रुप ए
- इंडियन रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स सर्विस, ग्रुप ए
- इंडियन रिवेन्यू सर्विस (कस्टम्स एंड इनडायरेक्ट टैक्स), ग्रुप ए
- इंडियन रिवेन्यू सर्विस (इनकम टैक्स), ग्रुप ए
- इंडियन ट्रेड सर्विस, ग्रुप ए (ग्रेड 3)
- इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस (IRMS), ग्रुप ए
- आर्म्ड फोर्सेस हेडक्वार्टर्स सिविल सर्विस, ग्रुप बी (सेक्शन ऑफिसर्स ग्रेड)
- दिल्ली, अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप, दमन दीव, दादर नागर हवेली सिविल सेवा (DANICS), ग्रुप बी
- दिल्ली, अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप, दमन दीव, दादर नागर हवेली पुलिस सेवा (DANIPS), ग्रुप बी
- पॉन्डिचेरी सिविल सर्विस (PONDICS), ग्रुप बी
- पॉन्डिचेरी पुलिस सर्विस (PONDIPS), ग्रुप बी