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The Kashmir Files: दशकों तक नहीं जुटाई किसी ने इस विषय पर कोई फिल्म बनाने की हिम्मत

The Kashmir Files ये एक ऐसी कहानी है जो लोगों का दर्द बयां कर रही है। खासतौर पर उन लोगों का जिन्‍होंने वो दंश झेला और रातों रात आतंकवाद की वजह से अपने घर को छोड़कर बेघरों की जिंदगी जीनी पड़ी।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 15 Mar 2022 08:45 AM (IST)
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द कश्‍मीर फाइल्‍स तोड़ रही सारे रिकार्ड
नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। The Kashmir Files द कश्‍मीर फाइल्‍स ने उन लोगों के दिलों को अंदर तक छू लिया है जिन्‍होंने वो दौर देखा था जब रातों-रात अपना घर छोड़कर लोगों को भागना पड़ा था। ये फिल्‍म उस दौर की कहानी है जिसमें घाटी में आतंकवाद चरम पर था। पाकिस्‍तान के इशारों पर चलने वाले आतंकियों ने सैकड़ों हिंदुओं की हत्‍या कर दी थी हजारों लोगों को कश्‍मीर से पलायन करना पड़ा था।

इस फिल्‍म की सबसे बड़ी खासियत ये भी है कि ये केवल एक स्क्रिप्‍ट पर बुनी गई कहानी नहीं है, बल्कि लोगों से बात करके बनाई गई फिल्‍म है। इसमें कश्‍मीर छोड़कर आए वहां के पंडितों का दर्द है। आज ये फिल्‍म कमाई के सभी रिकार्ड तोड़ चुकी है और लगातार आगे बढ़ रही है। कई राज्‍यों में इसको टैक्‍स फ्री कर दिया गया है तो मध्‍य प्रदेश में इस फिल्‍म को देखने के लिए पुलिसकर्मियों को छुट्टी तक देने का फैसला लिया गया है। कई राज्‍यों में इसको टैक्‍स फ्री करने की मांग की जा रही है।  

इस फिल्‍म को 700 से अधिक लोगों से बात करके बनाया गया है। ये सभी वो लोग हैं जिनके घाव आज भी हरे हैं। एक प्रेस वार्ता में अनुपम खेर ने यहां तक कहा कि राजनीतिक माहौल की वजह से करीब 32 वर्षों तक इस विषय को छूने की हिम्‍मत किसी ने नहीं दिखाई थी। हालांकि 2020 में आई विधुविनोद चोपड़ा की फिल्‍म 'शिकारा' भी ऐसे ही लोगों पर बनाई गई फिल्‍म थी। 

केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने एक ट्वीट में कहा है कि वो भी इस फिल्‍म को देखने के लिए वक्‍त निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्‍होंने ये भी लिखा है कि भारतीय सिनेमा की ये फिल्‍म अब तक की सबसे बड़ी ब्‍लाकबस्‍टर फिल्‍म साबित हो रही है। इसी तरह से रामगोपाल वर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि इस फिल्‍म ने उस वक्‍त की कई बातों का खुलासा किया है। उन्‍होंने इसको एक नई क्रांति का नाम दिया है जिसने जबरदस्‍त जीत दर्ज की है। उनके मुताबिक ये एक फिल्‍म से कहीं ज्‍यादा है। 

कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि वो इस तथ्य का समर्थन करते कि भारतीय सिनेमा उन दृष्टिकोणों को सामने लाने की ओर विकसित हो रहा है, जिन्हें फिल्म निर्माता अतीत में बहुत अधिक कट्टरपंथी/विचारोत्तेजक मानते थे। विचारों की बहुलता का पता लगाने के लिए #KashmirFiles जैसी और फिल्में बनने दी जानी चाहिएं। ।