कैसे होंगे भारत के साथ ब्रिटेन की नई सरकार के रिश्ते, कहां होगा नफा तो कहां हो सकता नुकसान? जानें सबकुछ
ब्रिटेन के आम चुनाव में लेबर पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला है। वहीं प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पार्टी को करारी का सामना करना पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेबर पार्टी के नेता स्टर्मर को जीत की बधाई दी और साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई। ब्रिटेन में पूर्ण बहुमत की सरकार का आना भारत और ब्रिटेन के रिश्ते के लिए शुभ माना जा रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ब्रिटेन में सत्ता बदलने के बावजूद भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने की तैयारियों पर कोई बड़ा झटका लगने की संभावना नहीं है। ब्रिटेन में हुए आम चुनाव विजयी लेबर पार्टी के विचार एफटीए के जरिए भारतीय प्रोफेशनलों को ज्यादा तरजीह देने को लेकर कुछ सख्त है, इसके बावजूद जानकार बता रहे हैं कि एफटीए को अंतिम सहमति बनाने में दिक्कत नहीं होगी।
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नई सरकार के साथ काम करने के तैयार भारत
लेबर पार्टी के नेता कीर स्टर्मर को जीत की बधाई देकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी यह संदेश दे दिया है कि भारत भी ब्रिटेन की नई सरकार के साथ काम करने को पूरी तरह से तैयार है। स्टर्मर ही ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री बनेंगे। एफटीए को लेकर वार्ता दोनों देशों के आम चुनाव की वजह से प्रभावित हुई हैं लेकिन अब जबकि दोनों तरफ मजबूत सरकार सत्ता में आ गई हैं तो इस पर जल्द सहमति बनने की संभावना जताई जा रही है।एफटीए पर जल्द शुरू हो सकती है वार्ता
कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि लेबर पार्टी भारी बहुमत से सत्ता में आई है। यह भारत के साथ रिश्तों के लिए शुभ है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में ब्रिटेन की राजनीतिक अस्थिरता का असर भी द्विपक्षीय रिश्तों पर पड़ा है। भारत और ब्रिटेन के बीच एफटीए को लेकर बातचीत बहुत जल्द (अगले कुछ हफ्तों में) शुरू हो सकती है।
एफटीए पर क्या है लेबर पार्टी का रुख?
लेबर पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भारत के साथ एफटीए करने को लेकर अपना समर्थन देने की बात कही है। भारत और ब्रिटेन के बीच वर्ष 2021 में वर्ष 2030 तक के द्विपक्षीय रिश्तों का एजेंडा तय किया गया है। इसमें कारोबार, निवेश और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में संबंधों के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किये गये हैं। एफटीए करने की सहमति इसी रोडमैप का हिस्सा है।यहां आ सकती है दिक्कत
अंतरराष्ट्रीय कारोबार पर शोध रिपोर्ट तैयार करने वाली एजेंसी जीटीआरआई ने शुक्रवार (05 जुलाई) को जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि ब्रिटेन की नई लेबर पार्टी की सरकार को प्रस्तावित एफटीए में भारतीय प्रोफेशनलों को ज्यादा सहूलियत देने संबंधी बातों के अलावा अन्य किसी बात पर दिक्कत नहीं होगी क्योंकि यह ब्रिटेन की कंपनियों को भारतीय बाजार में आसानी से प्रवेश करने का रास्ता खोलेगा।