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'महज लीपापोती है पेपर लीक के खिलाफ नया कानून', परीक्षा विवाद पर मल्लिकार्जुन खरगे ने उठाए कई सवाल

पेपर लीक रोकने वाले कानून को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को लीपापोती करार दिया। कहा कि भाजपा अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात सख्त कानून लागू कर दिया जिसका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार रोकना है। इस कानून में दोषियों के लिए अधिकतम 10 वर्ष कारावास की सजा और एक करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रविधान है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Published: Sat, 22 Jun 2024 10:30 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2024 10:30 PM (IST)
पेपर लीक रोकने वाले कानून को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को लीपापोती करार दिया।

पीटीआई, नई दिल्ली। पेपर लीक रोकने वाले कानून को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को लीपापोती करार दिया। कहा कि भाजपा अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात सख्त कानून लागू कर दिया, जिसका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार रोकना है। इस कानून में दोषियों के लिए अधिकतम 10 वर्ष कारावास की सजा और एक करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रविधान है।

जिम्‍मेदारी से बच नहीं सकती भाजपा: खरगे

खरगे ने 'एक्स' पर पोस्ट कर दावा किया कि पिछले सात वर्षों में 70 प्रश्नपत्र लीक हुए। पूछा कि मोदी सरकार ने कोई कड़ा कदम क्यों नहीं उठाया। कहा, भाजपा नीट घोटाले में चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, वह अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। खरगे ने कहा, पेपर लीक के विरूद्ध कानून अधिसूचित नहीं हुआ था, लेकिन जब शिक्षा मंत्री की प्रेस वार्ता में उनसे इसके बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि कानून अधिसूचित हो गया। शिक्षा मंत्री ने झूठ क्यों बोला कि कानून अधिसूचित हो गया? 13 फरवरी 2024 को इस कानून को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल गई थी, पर कानून शुक्रवार रात अधिसूचित हुआ।

'कानून के बाद भी पेपर हो रहे लीक'

उन्होंने कहा, शिक्षा मंत्री पहले तो पेपर लीक को नकारते रहे, फिर जब गुजरात, बिहार, हरियाणा में गिरफ्तारियां हुईं, तब कह रहें हैं कि चूंकि कुछ जगहों पर स्थानीय तौर पर पेपर लीक हुए हैं, इसलिए दोबारा परीक्षा नहीं करा पाएंगे।उन्होंने कहा, मोदी सरकार परीक्षा दोबारा क्यों नहीं करवा रही, जबकि शिक्षा मंत्री ने 'गड़बड़ी' की बात मान ली है? नौ दिनों में एनटीए ने तीन बड़ी परीक्षाएं रद या स्थगित की हैं। पेपर लीक के विरूद्ध कानून पास करवाने के बाद भी पेपर लीक हो रहें हैं? नया कानून लाना केवल भाजपाई लीपापोती ही है। जब तक शिक्षा प्रणाली व स्वायत्त संस्थानों को दखलंदाजी से मुक्त नहीं किया जाएगा तब तक धांधली, चोरी, भ्रष्टाचार चलता रहेगा!


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