Supreme Court ने पशु कल्याण बोर्ड से आवारा कुत्तों के काटने का सात साल का मांगा हिसाब
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) से आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं के पिछले सात सालों के आंकड़े तलब किए हैं। साथ ही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का भी ब्योरा मांगा है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) से आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं के पिछले सात सालों के आंकड़े तलब किए हैं। साथ ही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का भी ब्योरा मांगा है। जस्टिस संजीव खन्ना और जेके महेश्वरी की खंडपीठ ने बुधवार को भारतीय पशु कल्याण बोर्ड को यह ब्योरा देते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा है। साथ ही यह भी पूछा है कि वह चाहता है कि कोर्ट इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करे।
किसी भी व्यक्ति को अदालत जाने से नहीं रोका गया
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 2015 के आदेश से पंजीकृत सोसाइटियों समेत प्रशासन या किसी व्यक्ति को इस मामले में हाई कोर्ट या स्थानीय अदालत में जाने से नहीं रोका गया है। खंडपीठ ने कहा कि उस आदेश में कोर्ट का यह आशय नहीं रहा होगा कि सड़क पर घूमने वाले आवारा कुत्तों के मामलों से जुड़ी सभी रिट याचिकाओं या कार्यवाहियों को हाई कोर्ट, सिविल कोर्ट या प्रशासन तक नहीं ले जाया जा सकता है।
खाना खिलाने वाले लोगों को लेनी होगी आवारा कुत्तों के वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी
मालूम हो कि इससे पहले सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि लोगों की सुरक्षा और पशु अधिकारों के बीच संतुलन कायम किया जाना चाहिए। साथ ही सुझाव दिया था कि अगर कोई जानवर किसी पर हमला करता है तो उन लोगों को उन आवारा कुत्तों के वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी लेनी होगी जो उन्हें खाना खिलाते हैं। साथ ही उन्हें घायल व्यक्ति के इलाज का भी खर्च वहन करना होगा। सर्वोच्च अदालत ने केरल और मुंबई में आवारा कुत्तों के खिलाफ सरकारी निकायों के कदम उठाने के संबंध में फैसला सुनाया था।
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