Project cheetah: पर्यावरण मंत्रालय ने प्रोजेक्ट चीता के वैज्ञानिक का एक्सटेंशन लिया वापस, अधिकारी ने बताई वजह
Project cheetah केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मंगलवार को प्रसिद्ध जीवविज्ञानी और भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के डीन वाईवी झाला को 28 फरवरी 2022 से 28 फरवरी 2024 तक उनकी सेवानिवृत्ति पर दिए गए विस्तार को वापस ले लिया गया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मंगलवार को प्रसिद्ध जीवविज्ञानी और भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के डीन वाईवी झाला को 28 फरवरी, 2022 से 28 फरवरी, 2024 तक उनकी सेवानिवृत्ति पर दिए गए विस्तार को वापस ले लिया गया है।
मंगलवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, झाला ने कहा था, '(चीता) प्रोजेक्ट खुद मेरा था, लेकिन सरकार माता-पिता है। सरकार जो चाहे कर सकती है। हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं? कल शाम, मुझे बताया गया कि मेरा कार्यकाल समाप्त हो गया है। सरकार द्वारा मुझे कोई कारण नहीं बताया गया।'
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताई ये वजह
हालांकि, झाला के दावे का विरोध करते हुए, केंद्रीय मंत्रालय के एक अधिकारी ने (नाम न छापने की शर्त पर) एएनआई को बताया, 'प्रोजेक्ट चीता' मध्य प्रदेश सरकार और डब्ल्यूआईआई के सहयोग से केंद्र सरकार की एक परियोजना है। यह एक व्यक्ति द्वारा संचालित परियोजना नहीं है।'
झाला 2009 से लगातार केंद्र सरकारों के तहत महत्वाकांक्षी 'चीता परियोजना' के लिए तकनीकी जमीन तैयार करने में शामिल वैज्ञानिकों में से एक थे। वह संरक्षणवादी एम के रंजीतसिंह के नेतृत्व में 2010 में स्थापित 'चीता टास्क फोर्स' के सदस्य थे।
झाला को दिए गए विस्तार को वापस लेने पर एएनआई के एक सवाल के जवाब में, अधिकारी ने कहा, 'डॉ. वाई वी झाला पहले ही भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून से सेवानिवृत्त हो चुके थे, और विस्तार पर सेवा दे रहे थे। इसलिए, यह कहना गलत होगा कि उनका कार्यकाल कम कर दिया गया है।'