योगी सरकार को बदनाम करने को की गईं अलीगढ़ में साधुओं की हत्या
हरदुआगंज में हुए तिहरे हत्याकांड की खुलासे में जुटी अलीगढ़ पुलिस ने एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है। एटा का यह गैंग अलीगढ़ में साधुओं की हत्या के लिए ही आया था।
By Mukesh ChaturvediEdited By: Updated: Tue, 18 Sep 2018 04:30 PM (IST)
अलीगढ़ (जेएनएन)। हरदुआगंज में हुए तिहरे हत्याकांड की खुलासे में जुटी अलीगढ़ पुलिस ने एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है। एटा का यह गैंग अलीगढ़ में साधुओं की हत्या के लिए ही आया था। हत्या के पीछे योगी सरकार को बदनाम करने की रची गई थी साजिश।
हत्याओं में उन गवाहों को फंसाने की साजिश थी, जो एटा के किदवई नगर निवासी साबिर अली उर्फ दिनेश प्रताप सिंह के मुकदमे में इसके खिलाफ गवाही दे रहे थे। दिनेश करीब 35 साल पहले धर्मांतरण कर साबिर बन गया था। कुछ साल पहले कोटे में वह सभासद बन गया था।मुफ्ती के बेटे की होनी है गवाही
अप्रैल 2016 के चर्चित एटा के किदवई नगर मदरसे की शहर मुफ़्ती हत्याकांड में वह जेल गया था। इसी मुकदमे में कुछ लोग गवाह थे। मामला ट्रायल पर चल रहा है। मुफ़्ती के बेटे की गवाही भी होनी है। इन्हीं लोगों को फंसाने के लिए उसने एटा और कासगंज के गैंग के साथ मिलकर साधुओं की हत्या की साजिश रची।
अप्रैल 2016 के चर्चित एटा के किदवई नगर मदरसे की शहर मुफ़्ती हत्याकांड में वह जेल गया था। इसी मुकदमे में कुछ लोग गवाह थे। मामला ट्रायल पर चल रहा है। मुफ़्ती के बेटे की गवाही भी होनी है। इन्हीं लोगों को फंसाने के लिए उसने एटा और कासगंज के गैंग के साथ मिलकर साधुओं की हत्या की साजिश रची।
साधुओं को इसलिए बनाया टारगेट
साधुओं को इसलिए टारगेट बनाया क्योंकि योगी सरकार में साधुओं के मामले में पुलिस ज्यादा संवेदनशील है। इसके पीछे योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश थी, ऐसा पूछताछ में आया है। अलीगढ़ में छह हत्या हो चुकी हैं, जिसमें तीन साधु थे बाकी ग्रामीण। हरदुआगंज में पिछले दिनों हुई साधु की हत्या में यही गैंग था। पुलिस इन्हें कराएगी रिहा
दंपत्ति को इसलिए मारा क्योंकि उन्होंने ने पहचान लिया था। पाली और अतरौली में हुई हत्याओं में भी इसी गैंग ने अंजाम दिया। हालांकि उन मामलों में नामजद जेल चले गए हैं पुलिस 169 की कार्रवाई में उन्हें रिहा कराएगी।
साधुओं को इसलिए टारगेट बनाया क्योंकि योगी सरकार में साधुओं के मामले में पुलिस ज्यादा संवेदनशील है। इसके पीछे योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश थी, ऐसा पूछताछ में आया है। अलीगढ़ में छह हत्या हो चुकी हैं, जिसमें तीन साधु थे बाकी ग्रामीण। हरदुआगंज में पिछले दिनों हुई साधु की हत्या में यही गैंग था। पुलिस इन्हें कराएगी रिहा
दंपत्ति को इसलिए मारा क्योंकि उन्होंने ने पहचान लिया था। पाली और अतरौली में हुई हत्याओं में भी इसी गैंग ने अंजाम दिया। हालांकि उन मामलों में नामजद जेल चले गए हैं पुलिस 169 की कार्रवाई में उन्हें रिहा कराएगी।
ये हैं पकड़े गए बदमाश
पकड़े गए अभियुक्तों में साबिर के अलावा सलमान निवासी शिवपुरी हाल निवासी मुहल्ला बांसवाड़ा अतरौली अलीगढ़, इरफान निवासी मुहल्ला नंगला सारंगपुर पहासू बुलंदशहर, यासीन निवासी ब्रह्मपुरी थाना अतरौली अलीगढ़, नदीम पुत्र साबिर निवासी किदवई नगर एटा शामिल हैं। फरार अभियुक्तों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित
फरार अभियुक्तों में मुस्तकीम निवासी शिवपुरी छर्रा, साल निवासी शिवपुरी छर्रा अलीगढ़, अफसर निवासी मुहल्ला ठठिया उजानी बदायूं फरार अभियुक्तों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया है।डीजीपी ने दिया पुलिस टीम को इनाम
डीजीपी ने पुलिस टीम को 50,000 एडीजी आगरा जोन ने 30,000 दिया है। डीआइजी ने 25,000 और एसएसपी ने 20,000 का इनाम की घोषणा की है।
पकड़े गए अभियुक्तों में साबिर के अलावा सलमान निवासी शिवपुरी हाल निवासी मुहल्ला बांसवाड़ा अतरौली अलीगढ़, इरफान निवासी मुहल्ला नंगला सारंगपुर पहासू बुलंदशहर, यासीन निवासी ब्रह्मपुरी थाना अतरौली अलीगढ़, नदीम पुत्र साबिर निवासी किदवई नगर एटा शामिल हैं। फरार अभियुक्तों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित
फरार अभियुक्तों में मुस्तकीम निवासी शिवपुरी छर्रा, साल निवासी शिवपुरी छर्रा अलीगढ़, अफसर निवासी मुहल्ला ठठिया उजानी बदायूं फरार अभियुक्तों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया है।डीजीपी ने दिया पुलिस टीम को इनाम
डीजीपी ने पुलिस टीम को 50,000 एडीजी आगरा जोन ने 30,000 दिया है। डीआइजी ने 25,000 और एसएसपी ने 20,000 का इनाम की घोषणा की है।