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भारत और पाकिस्‍तान के बीच नहीं बदले हालात, छा रहे संकट के बादल

उड़ी हमले के बाद से अब तक भारत और पाकिस्‍तान के रिश्‍ते सामान्‍य नहीं हो सके हैं। पाकिस्‍तान सेना की ओर से की गई एक और क्रूर हरकत से एक बार फिर तनाव चरम पर है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Wed, 03 May 2017 01:12 PM (IST)
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भारत और पाकिस्‍तान के बीच नहीं बदले हालात, छा रहे संकट के बादल

नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। पाकिस्‍तानी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों के शवों के साथ की गई ना-पाक हरकत के बाद एक बार फिर से भारत और पाकिस्‍तान के संबंधों में वही गिरावट महसूस की जाे उड़ी हमले के बाद आई थी। पिछले वर्ष उड़ी स्थित सेना के कैंप पर हुए हमले के बाद से लेकर अब तक भारत और पाकिस्‍तान के बीच संबंध सामान्‍य नहीं हुए हैं। इस हमले में 16 भारतीय जवान शहीद हुए थे जबकि सेना ने चार आतंकियों को मार गिराया था। इस हमले के बाद से ही सीमा पर हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। उड़ी हमले की तर्ज पर ही पिछले सप्‍ताह जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के पंजगाम स्थित सेना के शिविर पर आतंकियों ने हमला किया था जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे।

इस बीच सभी के मन में एक शंका ने घर कर रखा है और वह है कि कहीं यह तनाव दोनों देशों को युद्ध में तो नहीं धकेल देंगे। इसको लेकर स्‍पष्‍ट तौर पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। उड़ी हमले के बाद भारत और पाकिस्‍तान की तरफ से सीमा पर सेना ही हलचल तेज होती हुई देखी गई थी। इतना ही नहीं उड़ी हमले के बाद पाकिस्‍तान ने सीमा से लगी चौकियों पर रेंजर्स को हटाकर पूरी तरह से सेना की टुकडि़यों को तैनात कर दिया था।

पहले भी हुई है इस तरह की हरकतें

मौजूदा समय में जो पाकिस्‍तान की तरफ से कार्रवाई की गई है वह कोई नई नहीं है। पाकिस्‍तान इस तरह की हरकत पहले भी करता रहा है। भारतीय फौज के युवा अधिकारी सौरभ कालिया को कोई नहीं भूला होगा। उनके शरीर के साथ भी पाकिस्‍तान सेना के जवानों ने इसी तरह की बर्बरता दिखाई थी। आंकड़ों के मुताबिक भारतीय जवानों के शवों के साथ बर्बरता करने की यह पिछले छह महीनों में तीसरी घटना है।

1999 से लगातार जारी है पाक सैनिकों की बर्बरता

पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में इस तरह की दो घटनाएं हुई थीं। यह दोनों घटनाएं नियंत्रण रेखा के माछिल क्षेत्र में हुईं थीं। 1999 में इस तरह की पाकिस्‍तान सेना ने 6 भारतीय सैनिकों की हत्‍या कर उनके शवों के साथ बर्बरता की थी। वर्ष 2000 में भी पाकिस्‍तानी सैनिक एक भारतीय सैनिक का सिर काटकर अपने साथ ले गए थे। 2008 में पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम ने एक भारतीय सैनिक का सिर धड़ से अलग कर दिया था। वर्ष 2013 में जम्मू-कश्मीर के मेंढर सेक्टर में एक सैनिक का सिर कलम कर दिया गया था। वर्ष 2016 में माछिल सेक्‍टर में सैनिक का शव क्षत-विक्षत किया गया था।

अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर पाक को किया बेनकाब

उड़ी हमले के बाद भारत ने पाकिस्‍तान को अलग-थलग करने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर सफलता हासिल की थी। इसके तहत भारत पाकिस्‍तान को संयुक्‍त राष्‍ट्र में बेनकाब करने में सफल रहा था। इसके अलावा सबसे बड़ी सफलता भारत को सार्क सम्‍मेलन का बहिष्‍कार करने से मिला था। भारत के इंकार के बाद अन्‍य सभी देशों ने इसमें हिस्‍सा लेने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद इस सम्‍मेलन को मजबूरन रद कर देना पड़ा था। इसके साथ ही भारत ने उस वक्‍त सभी तरह की द्विपक्षीय वार्ता से हाथ पीछे खींच लिए थे। भारत अपनी इस रणनीति पर आज भी कायम है।             

जवाबी कार्रवाई के रूप में की गई सर्जिकल स्‍ट्राइक

उड़ी हमले के बाद भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर में मौजूद आतं‍की कैंपों को तबाह कर दिया था। इस कार्रवाई में कई आतंकी मारे गए थे और उनके कई ठिकाने नष्‍ट हो गए थे। इसके बाद पाकिस्‍तान ने आतंकियों के ठिकानों और उनके ट्रेनिंग सेंटरों में बदलाव भी किया था। लेकिन भारत की इस कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच युद्ध के खतरे को भी बढ़ा दिया था। पाकिस्‍तान सेना की ताजा कार्रवाई के बाद एक बार फिर से भारतीय सेना की तरफ से एक और सर्जिकल स्‍ट्राइक का इंतजार किया जाने लगा है।

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