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लैपटॉप और पीसी के आयात पर तुरंत प्रतिबंध नहीं, केंद्रीय मंत्री बोले, चार महीने के लिए टाला जा सकता है फैसला

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने वस्तुओं के आयात के लाइसेंस आवेदन के लिए तैयार किया पोर्टल। केंद्रीय मंत्री बोले विश्वसनीय हार्डवेयर उपलब्ध कराना आयात पर निर्भरता कम करना सरकार का उद्देश्य। सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा तीन से चार महीने के लिए टाला जा सकता है फैसला। सरकार ने यह कदम मुक्त सुरक्षित विश्वस्त एवं जवाबदेह इंटरनेट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के इरादे से उठाया है।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Fri, 04 Aug 2023 09:59 PM (IST)
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आइटी हार्डवेयर के लिए पीएलआइ योजना के तहत 44 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं।
नई दिल्ली, एजेंसियां। सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि लैपटॉप और पीसी पर आयात प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू नहीं होगा। केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स और सूचना-प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इस फैसले को तीन से चार महीने के लिए टाला जा सकता है। केंद्र ने गुरुवार को ही लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के आयात को मुक्त श्रेणी से निषिद्ध में डाल दिया था।

इससे पहले इंटरनेट प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा था कि इन वस्तुओं के आयात पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और लाइसेंस लेकर इनका आयात किया जा सकेगा। उन्होंने कहा था कि इन वस्तुओं के आयात के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक पोर्टल तैयार किया है और जो कंपनियां या व्यवसायी इनका आयात करना चाहते हैं, वे लाइसेंस प्राप्त करने के लिए इस पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी शर्तें पूरी करने वाले आवेदकों को डीजीएफटी तीन से चार दिनों के भीतर लाइसेंस जारी कर देगा।

चंद्रशेखर ने कहा कि विश्वसनीय हार्डवेयर उपलब्ध कराना, आयात पर निर्भरता कम करना और इस श्रेणी के उत्पादों की घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाना सरकार का उद्देश्य है। ऐसा कतई नहीं माना जाना चाहिए कि कंप्यूटर और लैपटॉप के आयात पर प्रतिबंध से लाइसेंस राज की वापसी होगी। इस बीच, आइटी हार्डवेयर के लिए पीएलआइ योजना के तहत 44 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं और जो अन्य कंपनियां योजना का लाभ उठाना चाहती हैं, वे 30 अगस्त तक आवेदन जमा कर सकती हैं।

लैपटाप के हार्डवेयर में खामियां होने से लाइसेंस किया गया जरूरी

सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) के आयात के लिए लाइसेंस जरूरी करने का कदम इन विदेशी उपकरणों में सुरक्षा संबंधी खामियों से लैस आइटी हार्डवेयर से सुरक्षित रखने के इरादे से उठाया है। घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने कहा कि देश के भीतर इन कंप्यूटर उपकरणों की मैन्यूफैक्चरिंग की पर्याप्त क्षमता होने से लैपटाप, टैबलेट और आल-इन-वन पीसी के आयात के लिए लाइसेंस जरूरी करने का घरेलू बाजार में इनकी उपलब्धता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने यह कदम सभी उपयोगकर्ताओं के लिए देश में 'मुक्त, सुरक्षित, विश्वस्त एवं जवाबदेह' इंटरनेट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के इरादे से उठाया है। इंटरनेट का प्रसार होने से अधिक संख्या में भारतीय नागरिक आनलाइन प्लेटफार्म पर आ रहे हैं, लिहाजा उनके लिए साइबर जोखिम भी बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में हार्डवेयर के बैकडोर और आइटी हार्डवेयर में सुरक्षा के लिए खतरनाक मालवेयर जैसी सुरक्षा खामियों वाले लैपटाप एवं टैबलेट का इस्तेमाल करना यूजर की संवेदनशील निजी एवं कारोबारी जानकारी को खतरे में डाल सकता है।

आयात के लिए जरूरी शर्तों का एलान करे सरकार: जीटीआरआइ

ट्रेड से जुड़े थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआइ) ने शुक्रवार को कहा कि लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात पर प्रतिबंध लगाने के साथ सरकार को घरेलू मांग को पूरा करने के लिए इन वस्तुओं के आयात के लिए जरूरी शर्तों का एलान करना चाहिए, जो लाइसेंस देने का आधार बनें। गुरुवार को सरकार ने कहा था कि इन सामानों को आयात करने से पहले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) से लाइसेंस या अनुमति लेनी होगी। जीटीआरआइ के सह संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, 'पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट हमें शिक्षा, व्यवसाय, मनोरंजन सहित दुनियाभर से जोड़ते हैं।

सरकार को आपूर्ति की कमी और किसी तरह के बाजार व्यवधान से बचने के लिए सभी तरह के कदम उठाने चाहिए। इसका एक तरीका यह हो सकता है कि आयात के लिए जरूरी शर्तों का एलान किया जाए, जो लाइसेंस देने का आधार बने।

उन्होंने कहा कि पहले भी इसी तरह के मामलों में लाइसेंस देने के लिए पिछले प्रदर्शन जैसे मानदंडों का इस्तेमाल किया गया है।