कुंभ मेला 2019: कोई अलौकिक शक्ति तो जरूर है जो श्रद्धालुओं को यहां खींच लाती है
आस्था और अध्यात्म का केंद्र कुंभ आश्चर्यचकित करता है। यहां आने के बाद अलग तरह की अनुभूति होती है। यहां के जैसा माहौल दुनिया में कहीं और नहीं हो सकता
By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Sat, 19 Jan 2019 09:24 AM (IST)
कुंभ नगर। आस्था और अध्यात्म का केंद्र कुंभ आश्चर्यचकित करता है। यहां आने के बाद अलग तरह की अनुभूति होती है। यहां के जैसा माहौल दुनिया में कहीं और नहीं हो सकता। इंदौर के श्रीनगर इलाके में रहने वाले कारोबारी अशोक जोशी का यही मानना है। वह लगातार चौथी बार प्रयागराज कुंभ में आए हैं। इस बार कुंभ भव्य है सो विदेशों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों को वीडियो कॉल के जरिए इसका नजारा दिखा रहे हैं। कुंभ की यादों को कैमरे में समेट रहे अशोक इंदौर लौटने के बाद अपने मित्रों, परिचितों से भी अनुभव बांटेंगे।
प्रखर परोपकार मिशन के शिविर में सेवाकार्य में जुटे लोहा कारोबारी अशोक कहते हैं, कुंभ में धर्म और अध्यात्म का अनोखा मिलन है। करोड़ों हिंदुओं की आस्था इससे जुड़ी है। विदेशियों में भी कुंभ को लेकर जबरदस्त क्रेज है। उनका कहना है कि यहां कोई अलौकिक शक्ति है जो देशभर से श्रद्धालुओं को खींच लाती है। अलौकिक शक्ति की इतने बड़े मेले का संचालन कर रही है।
वर्ष 2001 से लगातार प्रयागराज कुंभ में आ रहे अशोक को इस बार धर्म अध्यात्म में आधुनिकता का जबरदस्त समावेश दिख रहा है। बोले, अबकी साधु-संत में अलग तरीके से नजर आ रहे हैं। कोई संत पूरे शरीर को मालाओं में लपेटे है तो कोई धूनी रमाते लैपटॉप में व्यस्त है। धर्म का ऐसा समागम दुनिया में कहीं और नहीं हो सकता। प्रयागराज ही ऐसी धर्म नगरी है जहां विदेशी भी आकर नतमस्तक हैं।अशोक परोपकार मिशन के हॉस्पिटल में सेवाकार्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि कुंभ में आकर सेवाकार्य करने में अलग अनुभूति मिलती है। यहां से लौटने के बाद कारोबार और परिवार में रम जाना है। अशोक की बहन आस्ट्रेलिया के कैनबरा में तथा एक चचेरे भाई अमेरिका के कैलीफोॢनया में रहते है।
मकर संक्रांति पर शाही स्नान में शामिल अशोक ने अपनी बहन और चचेरे भाई को वीडियो कॉलिंग के जरिए यह नजारा दिखाया। बोले महानिर्वाणी अखाड़े के साथ संगम में सबसे पहली डुबकी लगाई। यह नजारा आस्ट्रेलिया और अमेरिका में रिश्तेदारों को भा गया। अशोक यहां एक माह कल्पवास के बाद इंदौर वापस लौटेंगे तो वहां से कारोबार के सिलसिले में यूरोप जाने की तैयारी हैं। यादों को कैमरों में समेटे अशोक यूरोप के कारोबारियों को भी कुंभ के वैभव से अवगत कराएंगे, ताकि अगली बार वहां के लोग भी कुंभ की भव्यता देखने आएं।