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New Parliament: नए संसद भवन में जी-20 सांसदों की होगी बैठक, तिथि को लेकर सदस्य देशों के साथ की जा रही बातचीत

जी-20 शिखर सम्मेलन का बेहद सफल आयोजन करने के बाद केंद्र सरकार की मंशा इस समूह के सभी सदस्यों के सांसदों की एक बैठक नए संसद भवन में करने की है। इसके लिए सभी देशों से बातचीत की जा रही है। कोशिश यह है कि 01 दिसंबर 2023 को जब भारत जी-20 के नए अध्यक्ष ब्राजील को कार्यभार सौंपेगा उसके पहले जी-20 सांसदों की बैठक नई दिल्ली में आयोजित हो।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 18 Sep 2023 07:36 PM (IST)
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ब्राजील को जी-20 समूह की अध्यक्षता सौंपने से पहले नए संसद भवन में सदस्य देशों के सांसदों की होगी बैठक।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बुधवार से भारत के नए संसद भवन में कामकाज की शुरुआत हो जाएगी। जी-20 शिखर सम्मेलन का बेहद सफल आयोजन करने के बाद केंद्र सरकार की मंशा इस समूह के सभी सदस्यों के सांसदों की एक बैठक नए संसद भवन में करने की है। इसके लिए सभी देशों से बातचीत की जा रही है।

एक दिसंबर से पहले जी-20 सांसदों की होगी बैठक

कोशिश यह है कि 01 दिसंबर, 2023 को जब भारत जी-20 के नए अध्यक्ष ब्राजील को कार्यभार सौंपेगा उसके पहले जी-20 सांसदों की बैठक नई दिल्ली में आयोजित हो। उसी दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में जी-20 देशों के प्रमुखों की एक वर्चुअल बैठक के आयोजन को लेकर भी विदेश मंत्रालय दूसरे देशों के साथ संपर्क में है। इसकी घोषणा पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन के समापन के दौरान 10 सितंबर, 2023 को की थी।

अक्टूबर या नवंबर के पहले सप्ताह में हो सकती है बैठक

नए संसद भवन में बैठक आयोजित कराने को लेकर चल रही तैयारियों से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि कोशिश की जा रही है कि जी-20 के सभी सदस्यों के संसदीय प्रतिनिधि के साथ इन देशों के संसद के अध्यक्ष या सभापति भी भारत दौरे पर आएं। हालांकि, अभी तिथि तय नहीं हुई है। चूंकि इसमें बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों को हिस्सा लेना है, इसलिए सभी देशों के साथ भावी तिथि को लेकर बातचीत की जा रही है। बैठक अक्टूबर या नवंबर के पहले सप्ताह में करवाने का विकल्प भी रखा गया है।

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09-10 सितंबर को हुआ था जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन

मालूम हो कि जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 09-10 सितंबर को हुआ था, जिसके बाद नई दिल्ली घोषणा पत्र जारी किया गया था। भारत ने बड़े भू-राजनीतिक गतिरोध के बावजूद साझा घोषणा पत्र जारी करने के लिए सभी देशों के बीच सहमति बनाने का काम किया है। भारत ने बतौर अध्यक्ष जी-20 को क्रियाशील व गतिशील बनाने के लिए कई काम किए हैं। सदस्य देशों के सांसदों की बैठक शुरू करना भी इसी का हिस्सा है।

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