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750 लाख वर्ष पहले नर्मदा घाटी में था समुद्र, यह रहा सबूत

बड़ी खोज- मनावर क्षेत्र में मिले जीवाश्म की लैब में जांच के बाद विशेषज्ञों ने की पुष्टि विशेषज्ञों के मुताबिक, समुद्री हलचल से आ पहुंची थीं मनावर क्षेत्र में

By Srishti VermaEdited By: Updated: Wed, 27 Dec 2017 09:13 AM (IST)
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750 लाख वर्ष पहले नर्मदा घाटी में था समुद्र, यह रहा सबूत

धार (नईदुनिया)। 750 लाख वर्ष पुरानी समुद्री शार्कों के जीवाश्म मनावर क्षेत्र में आने वाली नर्मदा घाटी से मिले
हैं। खोज के दौरान 20 हजार से अधिक दांत के जीवाश्म और रीढ़ की हड्डी के भाग बड़ी तादाद में मिले, जिनकी जांच के बाद यह सिद्घ हुआ कि करीब 750 लाख वर्ष पूर्व समुद्री हलचल के कारण ये यहां के समुद्र में पहुंची थीं। इससे यहां समुद्र होने की भी पुष्टि हुई है।

अलग थी भौगोलिक स्थिति : उस काल में भारत लगभग पृथ्वी की विषुवत रेखा पर स्थित था। बिना हड्डी की ये मछलियां आकार में चार से छह मीटर लंबी थीं। यह जानकारी मंगलवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रो. डॉ. जीवीआर प्रसाद ने पत्रकारवार्ता में दी। डॉ. प्रसाद शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार और नेशनल जिओ साइंस पुरस्कार व जेसी बोस नेशनल फैलोशिप प्राप्त विशेषज्ञ हैं। इस मौके पर डायनासोर व शार्क की खोज करने वाले धार के विशेषज्ञ विशाल ज्ञानेश्वर वर्मा, डॉ. अशोक साहनी, रणजीत सिंह लौरेंबम, प्रियदर्शिनी राजकुमारी आदि मौजूद थे।

इस तरह खोज को किया प्रमाणित: इन जीवाश्मों की खोज लंबे समय से की जा रही थी, लेकिन प्रामाणिकता सिद्घ होने के बाद ही इसे उजागर किया गया। इस पर एक रिसर्च पेपर लिखा गया था, जो अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इस जीवाश्म की काल अवधि निकालने के लिए वैज्ञानिक तरीका अपनाया गया। ये जीवाश्म जिस प्रकार की चट्टानों से मिले हैं, उन्हें बाग चट्टान यानी ब्रायोजोन फॉर्मेशंस के नाम से जाना जाता है।

मिल चुके हैं डायनासोर के भी हजारों जीवाश्म : यहां पर डायनासोर के जीवाश्म भी मिल चुके हैं। सबसे पहले 2007 में इन जीवाश्मों की खोज हुई थी। तब करीब 100 से अधिक डायनासोर के अंडे पाए गए थे। मनावर और बाग क्षेत्र में इसके अंडों के घोंसले वाली जगह मिली थी। इसके बाद से नेशनल डायनासोर जीवाश्म पार्क की घोषणा हुई। उसके बाद से अब तक यहां डायनासोर के हजारों जीवाश्म मिल चुके हैं।

कितने प्रकार की शार्क मछलियां
-गहरे पानी की टायकोडस शार्क।
-उथले पानी की स्कैपर्नोंरकस
-रैफ्यूडॉन, क्रेटा लेमना एपेंडिकुलेटा, क्रेटोडस क्रेसीडेंस, स्कवैली कॉरेक्स फॉलकिटस।

क्यों महत्वपूर्ण है खोज
बाग चट्टान से शार्क की यह पहली रिपोर्ट है। ये शार्क 750 लाख साल पहले धार जिले की नर्मदा घाटी में समुद्र की उपस्थिति प्रमाणित करती है, जो इन जीवों को उपयुक्त आवास प्रदान करता था। यह समुद्र एक भुजा जैसे आकार का था, जो भारत से पश्चिम के टेथिस सागर का एक भाग था।

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