वायुसेना के लिए खरीदे जाने वाले युद्धक विमानों का तकनीकी हस्तांतरण भी होगा: वायुसेना प्रमुख
मेक इन इंडिया योजना के तहत भारत 114 बहुआयामी युध्दक विमान हासिल करेगा। ऐसे में वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने कहा कि हमें सैन्य क्षमता को और बढ़ाने के लिए एडवांस तकनीक को भी तवज्जो देना होगा जिससे हमारी युध्दक क्षमता और बेहतर हो सके।
By Deepak YadavEdited By: Updated: Mon, 27 Jun 2022 07:03 PM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी का कहना है कि 'मेक इन इंडिया' के तहत भारतीय वायुसेना के मेगा प्रोजेक्ट 114 'बहुआयामी युद्धक विमान-(एमआरएफए)' का सौदा हासिल करने वाली कंपनी को तकनीक का हस्तांतरण भी सुनिश्चित करना होगा।
वीआर चौधरी ने सोमवार को इंटरव्यू में बताया कि एमआरएफए को हासिल करने से वायुसेना की युद्धक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे वायुसेना को वह एडवांस तकनीकें जल्द हासिल होंगी जिनके आधार पर सैन्य अभियानों की योजना को ज्यादा प्रभावशाली तरीके से लागू करने की त्वरित आवश्यकता को पूरा किया जा सकेगा।
वायुसेना ने अप्रैल, 2019 में 18 अरब डालर (करीब 1.41 लाख करोड़ रुपये) के 114 जेट विमान खरीदने के लिए शुरुआती टेंडर निकाले थे। इसे हाल के सालों में विश्व का सबसे बड़ा सैन्य हथियार खरीद कार्यक्रम बताया गया था। करोड़ों डालर के इस सौदे के लिए लाकहीड मार्टिन एफ-21, बोइंग एफ/ए-18, दासौ एविएशन के राफेल, यूरोफाइटर टाइकून, रूसी विमान मिग-35 और स्वीडन के विशाल जेट साब्स ग्रिपेन आगे आए थे।
वायुसेना प्रमुख ने बताया कि आरएफआइ (रिक्वेस्ट फार इनफार्मेशन) यानी शुरुआती टेंडर के जवाब में वायुसेना के सामने बहुत से विकल्प खुले। इस सारी प्रक्रिया को रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) 2020 के तहत पूरा किया जाएगा। चयनित ओइएम (ओरिजनल इक्यूपमेंट मेकर) को हमारी जरूरतों को समझकर उसके हिसाब से ही युद्धक विमानों को तैयार करना होगा। इससे हमारी युद्धक क्षमता तो बढ़ेगी ही, हमें उच्च तकनीकें भी हासिल होंगी।
वायुसेना को अगले 10-15 सालों में वांछित ताकत के युद्धक विमानों के 42 स्क्वाड्रन मिलने की उम्मीद नहीं है और क्या इससे भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता पर कितना असर पड़ेगा पूछे जाने पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि एमआरएफए प्रोजेक्ट के तहत 114 जेट विमानों की खरीद की प्रक्रिया जारी है। इसी के साथ 83 हल्के युद्धक विमान (एलसीए) तेजस के वायुसेना में आने से युद्धक क्षमता में काफी इजाफा होगा। इसके अलावा, भारत पांच अरब डालर के पांचवीं पीढ़ी के मध्यम वजन के युद्धक विमानों को भी हासिल कर रहा है।